Saturday, June 27, 2015

सिंहस्थ के पहले उज्जैन बन जाएगा स्मार्ट सिटी

सिंहस्थ 2016  (4)





सिंहस्थ 2016 इक्कीसवीं सदी में विश्व का सबसे बड़ा और सफल आयोजन होने वाला है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान चाहते है कि सिंहस्थ के पहले उज्जैन  स्मार्ट सिटी के रूप में तैयार हो जाए, ताकि यहां आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। स्मार्ट सिटी के पैमाने पर उज्जैन शहर को संवारा जा रहा है। भले ही घोषित तौर पर उज्जैन को स्मार्ट सिटी न बताया जाए, लेकिन तैयारियां उसी को ध्यान में रखकर की जा रही है। सिंहस्थ के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य, परिवहन, पर्यावरण, जल संरक्षण, नागरिक सुविधाओं और अत्याधुनिक तकनीक का संगम देखने को मिलेगा। सिंहस्थ के लिए आवश्यक एक-एक सुविधा का ध्यान रखा जा रहा है। कोशिश की जा रही है कि सिंहस्थ से लौटकर हर श्रद्धालु अपने मन में उज्जैन को कभी भुला नहीं पाए। 




उज्जैन आने वाले श्रद्धालुओं का स्वागत हाईटैक तरीके से होगा, जब उन्हें उज्जैन में प्रवेश करते ही मोबाइल पर स्वागत संदेश पढ़ने को मिलेगा। उज्जैन के सिंहस्थ क्षेत्र में आने वाले सभी मंदिरों, घाटो, विश्राम स्थलों और अखाड़ों की जानकारी उन्हें विशेष मोबाइल एप से मिल जाएगी। पैसे के लिए उन्हें बैंक तक नहीं जाना पड़ेगा, बल्कि चलित एटीएम सेवा का लाभ वे ले सकेंगे। विदेशी मुद्रा विनियम के लिए भी उन्हें कहीं भटकना नहीं पड़ेगा। मोबाइल की बैटरी चार्ज करने जैसे छोटे से छोटे पहलु का भी ध्यान रखा जा रहा है। मोबाइल पर ही श्रद्धालु सिंहस्थ से जुड़ी तमाम जानकारियां सिंहस्थ की वेबसाइट पर पढ़ सकेंगे। 

उज्जैन में पहले से ही अनेक होटल और धर्मशालाएं मौजूद है। इस बार अनेक नए होटल श्रद्धालुओं के लिए तैयार मिलेंगे। मध्यप्रदेश का पर्यटन विकास निगम श्रद्धालुओं के लिए स्विस कॉटेजों का एक अलग नगर ही बसाने जा रहा है। इन कॉटेजेस में किसी स्टार होटल की सुविधाओं की तरह सुविधाएं होंगी। अपनी गाड़ियों से आने वाले लोगों के लिए स्थायी पेट्रोल पम्प तो हैं ही, साथ में करीब 12 अस्थायी पेट्रोल पम्प भी खोले जा रहे हैं। उज्जैन में आने वाले अखाड़ों के लिए पानी की पाइप लाइन डाली जा रही है। अखाड़ों को बिजली, गैस, सड़क आदि की सुविधाएं भी उपलब्ध रहेगी। स़ड़कों का जाल बिछाया जा रहा है, जिससे मेला क्षेत्र में कहीं भी आना-जाना आसान होगा। पुल और ओवरब्रिज भी बनाए जा रहे है और कोशिश की जा रही है कि उज्जैन का संपर्वâ इंदौर-भोपाल और आगर जैसे मार्गों से सुविधाजनक बन जाए। 

श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। अस्पताल में बिस्तरों की संख्या बढ़ाई जा रही है। चिकित्सकों की लम्बी-चौड़ी फौज सिंहस्थ के दौरान मौजूद रहेगी। व्यवस्था यहां तक की जा रही है कि अगर किसी श्रद्धालु गर्भवती महिला को प्रजनन की नौबत आए तब भी उन्हें कोई दिक्कत नहीं हो। आईसीयू, हाईरिस्क वार्ड, रिकवरी रूम और विशेष ओपीडी तैयार की जा रही है। उज्जैन में एक नया अस्पताल बन रहा है, जिसमें 450 बिस्तरों की व्यवस्था है, लेकिन सिंहस्थ के लिए वहां 1800 अतिरिक्त पेशेंट के इलाज की व्यवस्था भी रहेगी। सिंहस्थ के दौरान उज्जैन में चौबीस घंटे बिजली रहेगी, चौबीस घंटे जल प्रदाय होगा और पुलिस के इंतजाम भी इस तरह होंगे कि किसी भी क्षण जरूरत पड़ने पर पुलिस मौजूद रहे। 

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की कोशिश है कि उज्जैन आने वाला कोई भी व्यक्ति यादगार अनुभव लेकर जाए। उसे किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं हो। इतना ही नहीं, सिंहस्थ में आने वाले धर्मगुरुओं, अखाड़ों और भक्तों के लिए भी बेहतर सुविधाएं जुटाई जा रही है। 2004 के सिंहस्थ के मुकाबले चार गुना ज्यादा जगह धार्मिक प्रयोजनों के लिए रखी जा रही है। अखाड़ों को पंडाल बनाने के लिए आठ सौ वर्गमीटर या उससे बड़े प्लॉट आवंटित किए जा रहे है। बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को सिंहस्थ में किसी तरह की परेशानी न हो, इसका भी ध्यान रखा जा रहा है। सफाई और सुरक्षा ऐतिहासिक रहेगी। इसकी भी कोशिश की जा रही है। 
--प्रकाश हिन्दुस्तानी

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