Monday, February 02, 2015

नसीबवाले ऐसे बनें

(सभी आदरणीय लोगों से अग्रिम हार्दिक क्षमा याचना के साथ)

मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने नसीब की जो बात कही है, सच ही है. 



आ. ताई सुमित्रा महाजन जी ने गत भाई दूज पर मुझे भोजन कराया था, आज वे लोकसभा की स्पीकर हैं!  कैलाश विजयवर्गीय जी ने घर पर कई बार डिनर कराया,  वे लगातार मप्र के केबिनेट मंत्री हैं और मलाईदार पदों पर हैं.  आइएएस एसके मिश्र ने भोपाल के होटल पलाश में लंच खिलाया था,  लोकायुक्त की तमाम जांच के  बावजूद  आज वे मध्यप्रदेश के सीएम के खासमखास हैं.  आ. विधायक मालिनी गौड़ ने एक बार भोपाल में चाय-नाश्ता कराया था, टिकट मिला और 4 जनवरी को इंदौर की महापौर बनने ही वाली हैं. जनक पल्टा दीदी ने सोनवाय के फार्म में बुलाकर मिठाई खिलवाई, आज 'पद्मश्री' हैं. दादा शेखर सेन का आइआइएम में प्रोग्राम था, मुझे न्योता दिया, वे भी आज 'पद्मश्री' हैं. ये ही हैं वो शेखर सेन दादा, जिन्होंनें मेरे फेसबुक स्टेटस को  लायक किया था, देखिए संगीत नाटक अकादमी के प्रमुख हो गये. मेरे बेटे ने मुझे शानदार जैकेट गिफ्ट की, वह आज जर्मनी में घूमने गया है. एबीपी न्यूज़ के प्रोग्राम में कुमार विश्वास ने मुझे बेस्ट ब्लॉगर का सम्मान दिया था, उसके बाद बरकत आ गई उनकी कविताओं में ! पता है कुमार विश्वास ने पिछले साल 58 लाख रुपये तो इनकम टैक्स जमा कराया था !!… और इस साल वह टैक्स  और भी ज़्यादा होगा. 

इससे अलग कुछ लोगों का हाल देखिए -- राहुल गाँधी इंदौर आए, मैं दिल्ली जाता रहा पर उन्होंने पूछा नहीं, आज क्या हाल हो गया, सबको पता है. सोनिया गाँधी जी ने भी कभी तवज्जो नहीं दी;   चुनाव के नतीजों में कांग्रेस का हाल देख लो भाई! शीला दीक्षित जी लगातार मुख्यमंत्री रहीं, पर मुझे चाय पानी तक के  लिए कभी नहीं पूछा --  तो देखो  इतना काम करने के बाद भी आज खुद बेभाव हैं। 

धीरूभाई अंबानी ने जीते जी मुझे महत्व नहीं दिया, उनके गुजर जाने के बाद बेटों में झगड़ा टन्टा हो गया. मुकेश अंबानी ने भी मेरी अनदेखी की, नतीजा?   नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री  होते हुए भी कृष्णा-गोदावरी  डी6 बेसिन मामले में करीब 60 करोड़ डॉलर (लगभग केवल साढ़े तीन हज़ार करोड़ रुपए ) की पेनल्टी ठुक गई!   मुनाफ़ा कमाने में टीसीएस ने रिलायंस जैसे हाथी को पीछे छोड़ दिया. और इतना ही नहीं, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने देश की आला खुफिया एजंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रा) से कहा है कि वह रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड से जुड़े घोटालों को देखने वाले पंचाट के स्वाभाविक मध्यस्थ और कंपनी के वकीलों के बीच कथित सांठगांठ की जांच करे।   सुब्रत रॉय सहारा अरबपति-खरबपति थे, मैं उनकी कंपनी में ब्यूरो चीफ़! मेरा तबादला करने के बहाने मुझे प्रताड़ित करके हटा दिया -- आप सब जानते हैं वह आज कहाँ है! कितना कर्ज़ा चढ़ गया है, लेनदार गली गली में घूम रहे हैं, संपत्तियाँ खरीदने तो क्या, गिरवी रखनेवाले तक नहीं मिल रहे हैं!

इसीलिए मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने नसीब की जो बात कही है, सच ही है. 

आप सभी मित्र अपने नसीब को जागृत करने के लिए मुझे अच्छे अच्छे गिफ्ट दें, फ़ाइव स्टार में लंच-डिनर खिलाएँ, बरकत आने लगेगी क्योंकि मैं सचमुच 'निर्मल आत्मा' हूँ. आपकी भलाई का द्वार तभी खुलेगा, जब आप मेरी भलाई करेंगे. इतने उदाहरणों के बाद भी अगर आपके प्रज्ञा चक्षु न खुलें तो दोष मुझे न देना.

(नमूना देखना हो तो मेरी इस पोस्ट की तारीफ करो, तो दिन में ही भाग्य बदल जाएगा. नेगेटिव कमेंट लिखनेवालों की राहु की महादशा बिगड़ जाएगी, जिस कारण उनके बाल जल्दी सफेद भी होंगे और गिरने भी लगेंगे. इस पोस्ट को लाइक करनेवालों को भी ज़्यादा लाइक्स मिलेंगे!)
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