Monday, March 24, 2014

ताकि सनद रहे (5)

गधे हम हैं, हमें बनानेवाले नेता नहीं !


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आप इस बात पर खुश हो सकते हैं कि आपको उल्लू बनानेवाले खुद उल्लू नहीं हैं!
एक नज़र नेताओं की डिग्री पर; धारणा ग़लत है कि हमारे नेता पढ़े लिखे नहीं है. 
सभी पार्टियों के नेता बहुत पढ़े लिखे हैं.  योग्यतम लोग राजनीति में हैं .
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    नेता गधे नहीं, अच्छे पढ़े लिखे हैं :आप इस बात पर खुश हो सकते हैं कि आपको उल्लू बनानेवाले खुद उल्लू नहीं हैं!

एक नज़र नेताओं की डिग्री पर; धारणा ग़लत है कि हमारे नेता पढ़े लिखे नहीं है. योग्यतम लोग राजनीति में हैं,  इसके बावजूद हम सौ फीसदी साक्षरता के लक्ष्य को नहीं पा सके.


--मनमोहन सिंह के आगे सभी की शिक्षा फीकी है, जिनके पास विश्व के प्रमुख शिक्षा संस्थानों  के साथ ही ऑक्सफोर्ड और केम्ब्रिज की उपाधियां भी हैं। वे दुनिया के सबसे ज्यादा पढ़े लिखे प्रधानमंत्री हैं और रिजर्व बैंक के प्रमुख भी रह चुके हैं। 


--आप पार्टी में शामिल होनेवाली फ़्रांस में पढ़ीं  मीरा सान्याल की बहुत चर्चा है जो ए बी एन एम्रो की सी ई ओ रह चुकी हैं.


 --सचिन पायलेट के पास दोहरे एम् बी ए  की डिग्री है , एक भारतीय और दूसरी वार्टसन, यूएस ए  की। 


--वरुण गांधी के पास लन्दन स्कूल ऑफ़ इकॉनोमिक्स की डिग्री है।


--सुनील दत्त की बेटी, कांग्रेस की सांसद प्रिया दत्त  के पास न्यू यॉर्क के मीडिया संस्थान से टीवी प्रोडक्शन की उपाधि है। 


--राहुल गांधी के पास अमेरिका के फ्लोरिडा विश्वविद्यालय की डिग्री है, लेकिन वह उनके नाम से नहीं है क्योंकि श्रीमती इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उन्हें सुरक्षा कारणों से किसी अन्य नाम से भर्ती किया गया था, और उसी नाम से उन्होंने परीक्षा पास की थी।


--नवीन जिंदल टेक्सॉस से एम् बी ए हैं। 


--सलमान खुर्शीद भी ऑक्सफ़ोर्ड की डिग्री रखते हैं.


--कट्टरपंथी मुस्लिम नेता असदुद्दीन -ओवैसी लन्दन से बैरिस्टर एट  लॉ की डिग्री पा चुके हैं। 


--अगाथा संगमा के पास पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री के साथ ही ब्रिटेन से अनेक डिप्लोमा की मालकिन हैं जिनमे साइबर लॉ, कॉर्पोरेट लॉ, मानवाधिकार और निवेश सम्बन्धी डिप्लोमा शामिल हैं।


--कपिल सिब्बल हार्वर्ड लॉ स्कूल से एलएल एम हैं।


--शशि थरूर ने उच्च शिक्षा यूके से पायी और पीएच डी भी वहीँ से की।


--सुरेश कलमाड़ी आठ साल तक भारतीय वायु सेना में अधिकारी रहे थे


--ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास हार्वर्ड से ग्रेजुएशन और स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एम बी ए की 

डिग्री है।  

--अरविंद केजरीवाल कोई पहले नेता नहीं हैं जो भारतीय राजस्व सेवा की नौकरी छोड़कर राजनीति कर रहे हैं।  पहले भी बहुत से नेता आईएएस, आईपीएस नौकरियां छोड़कर राजनीति  में आ चुके है और अपना नाम चमका चुके हैं। भारतीय राजनीति में उच्च अध्ययन और प्रशासकीय पद का अनुभव रखनेवाले कई लोग हैं।


--कांग्रेस  के नेता अजीत जोगी आईएएस थे, और राजनीति  में आकर मुख्यमंत्री बने।  ------मनोहर पार्रीकर भी आईआईटी में पढ़ चुके हैं और  गोवा के मुख्यमंत्री हैं।


--लोकसभा की स्पीकर श्रीमती मीरा कुमार भारतीय विदेश सेवा में रह चुकी हैं और अब सफल राजनीतिज्ञ हैं। 


--शशि थरूर भी मंत्री बनने  के पहले भारतीय विदेश सेवा में रह चुके हैं।


--मणिशंकर अय्यर भी भारतीय विदेश सेवा से काँग्रेस की राजनीति में आये और मंत्री बने.  --यशवंत सिन्हा भी आईएएस थे और राजनीती में आकर मंत्री बने। 


--रोमेश भंडारी भी भारतीय विदेश सेवा में थे और दिल्ली के उप राज्यपाल और त्रिपुरा, गोवा और उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रहे। 


--मध्य प्रदेश के  रुस्तम सिंह भाजपा में आने पहले आईपीएस के रूप में अपनी सेवाएं देते थे। 


--आंध्र प्रदेश से राज्य सभा सदस्य जेसुदासु सलीम भी आईएएस हैं। 


--आंध्र प्रदेश के ही एक आईएएस नागभैरव जयप्रकाश नारायण भी आईएएस हैं और विधायक होने के साथ ही लोक सत्ता पार्टी के अध्यक्ष भी हैं। 


--कर्नाटक में ही काँग्रेस के नेता अशोक कुमार मनोली और एस पुत्तास्वामी भी आईएएस हैं। 


--बंगलुरु के पूर्व निगम आयुक्त  एस. सुब्रमण्यम और बाबूराव मुदाबी भी आईएएस थे और अब जनता दल (एस) के सदस्य हैं।


--पूर्व आईपीएस अधिकारीद्वय  जी.  शंकरनारायण और सुभाष भराणी ने भी जनता दल की सदस्यता ली थी, लेकिन भराणी जी ने भाजपा में जाना  उचित समझा। 


इतने पढ़े लिखे और प्रशासकीय सेवा के अनुभव वाले नेताओं के बावजूद देश की दशा किसी से छुपी नहीं है।  अब नए नए नेता राजनीति में आ रहे हैं, उनसे कुछ आशा करना कितना उचित है, अह तो वक़्त ही बताएगा।


आप इस बात पर खुश हो सकते हैं कि आपको उल्लू बनानेवाले खुद उल्लू नहीं हैं!



© प्रकाश हिन्दुस्तानी 

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