Sunday, January 01, 2012

भविष्य को देखें और समझें

रविवासरीय हिन्दुस्तान (1 -1- 2012) के एडिट पेज पर मेरा कॉलम


भविष्य को देखें और समझें

रतन टाटा ग्रुप दुनिया के शीर्ष 50 व्यवसाय समूह में गिना जाता है. यह समूह 96 तरह के व्यवसाय करता है और कहा जाता है कि उनकी संपत्ति बिल गेट्स और वारेन बफेट से भी ज्यादा है, लेकिन फ़ोर्ब्स की सूची में उनका नाम बाद में इसलिए है कि इस समूह की 28 प्रमुख कम्पनियाँ दुनिया के अलग अलग शेयर मार्केट में विभिन्न नामों से लिस्टेड है. सामाजिक जवाबदेही के कारण टाटा का नाम एक अलग ही इज्ज़त से लिया जाता है. उनके कर्मचारियों ने भी हमेशा अपने दायित्व का पालन किया. 26 /11 के आतंकी हमले के दौरान मुंबई के ताज होटल के स्टाफ ने बहादुरी और समझदारी का ऐतिहासिक परिचय दिया और होटल के सैकड़ों मेहमानों की जान बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालने से नहीं चूके. उस दिन होटल में एक शादी समारोह था, यूनीलीवर के सी ई ओ की अंतरराष्ट्रीय मीटिंग थी और दो प्रमुख कार्पोरेट बैठकें भी थीं जिनमें अनेक विदेशी मेहमान भी थे. टाटा ने आतंकी हमले में हताहत उस हरेक कर्मचारी को 36 लाख से 85 लाख रुपये तक की मदद की, चाहे उस कर्मचारी ने एक दिन ही काम क्यों न किया हो. टाटा अपने स्टाफ के ज़िम्मेदार व्यवहार के लिए उनकी ट्रेनिंग को श्रेय देते हैं. हैदराबाद के इंडियन स्कूल ऑफ़ बिजनेस में 8 अप्रैल 2006 को दिया गया उनका भाषण विद्यार्थियों के लिए इसी मायने में महत्वपूर्ण था कि उसमें सही नेतृत्व को परिभाषित किया गया था और बजाय दूसरों का अनुसरण करने के, खुद नेतृव करने पर जोर दिया गया था.
चेयरमैन का महत्व
रतन टाटा कहा करते हैं "मैं सही निर्णय लेने का दावा कतई नहीं करता. मैं तो निर्णय ले लेता हूँ और फिर काम करके उसे करके सही साबित कर देता हूँ." अपने भाषण की शुरुआत में रतन टाटा ने एक कहानी सुनायी, जो कुछ ऐसी थी.
एक आदमी तोता खरीदने दुकान में गया और एक तोते की कीमत पूछी. दुकानदार ने दाम बताया पांच हज़ार डॉलर.
''यह तो बहुत ज्यादा है. ऐसा क्या करता है वह ?'' उस ग्राहक ने पूछा.
''वह अपनी चोंच से अंग्रेज़ी में टाइप कर लेता है''
''यह तो बहुत ज्यादा है. दूसरे की कितनी कीमत है?''
''दूसरा दस हज़ार डॉलर का है क्योंकि वह तीन या चार भाषाओँ का जानकार है और वह एसएपी में भी माहिर है.''
''नहीं, यह भी नहीं चाहिए, उस तीसरे के बारे में बताइए.''
"वह तीस हज़ार का है.''
''वह क्या करता है?"
दुकानदार ने कहा --''मुझे नहीं मालूम, लेकिन बाकी उसे चेयरमैन कहते हैं''
रतन टाटा कहते हैं कि मेरे संगठन में लोग ऐसा समझते हैं.
इंडियन स्कूल ऑफ़ बिजनेस के सभी विद्यार्थियों के बारे में मैं इत्मीनान से कह सकता हूँ कि यहाँ के विद्यार्थी शीर्ष पदों पर कार्य करेंगे और उनकी अपनी पहचान देश में होगी. व्यवसाय का नेतृत्व करते हुए ये विद्यार्थी दुनिया भर में जायेंगे जहाँ देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.
यह स्वर्ण काल है
"मैं यहाँ आपके बीच खड़े होकर अपने अफसोस का इजहार कर रहा हूँ कि मैं इस हर्षित करनेवाले वास्तविक समय में मैं आपकी उम्र का नहीं हूँ . मुझे पता है कि आप में से ज़्यादातर लोगों के आने वाले साल पूर्ण संतुष्टि के होंगे जब आप देश के विकास के लिए खड़े होंगे और उसमें हिस्सेदारी निभा रहे होंगे. आपमें कई आनेवाले वर्षों में देश का नेतृत्व भी करेंगे. आपके कंधों पर एक महान जवाबदारी है. आपके कन्धों पर जो भी जवाबदारी दी गयी है वह बहुत बड़ी है मुझे पता है किया आपमें से ज़्यादातर लोगों के आनेवाले साल सफलता और संतुष्टि के होंगे क्योंकि तब आप देश के विकास के लिए खड़े होंगे. आनेवाले वर्षों में आपमें से कई इस देश का नेतृत्व कर रहे होंगे. इस भूमिका में आपको केवल श्रेष्ठतम कार्य ही करना है. मैं आश्वस्त हूँ कि आप में से कई अपने आसपास के लोगों के बीच, अपने नियोक्ताओं के बीच और अपने समुदाय और बिरादरी के सामने अपनी शानदार नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन करेंगे.
नेतृत्व करो, पीछे न चलो
मैं आशा करता हूँ कि आपमें से ज़्यादातर लोग सिद्धांतों पर आधारित नेतृत्व के लिए मूल्यों की स्थापना के लिए प्रयास करेंगे. क्योंकि यही तो वह बुनियाद है जिसकी ज़रुरत इस देश को है ताकि वह दुनिया में अपनी जगह बना सके. मैं आशा करता हूँ कि आपमें से हर एक एक उदहारण प्रस्तुत करेगा. मैं यह भी अपेक्षा करता हूँ कि आपमें से हर एक अपने जीवन मूल्यों के लिए जीएगा आप जिसके साथ जीवन भर के बंधन में बाँधे हैं. ...मैं उम्मीद करता हूँ कि आप में से हर एक में भविष्य का ज्ञानबोध होगा क्योंकि जिस बात की इस देश में कमी है वह यही है-- भविष्य को देख और समझ पाने की क्षमता. इसी के माध्यम से आप देश को एक दिशा दे सकते हैं. यह हमारी कमजोरी है कि हमारे बिजनेस लीडर नेतृत्व करने की जगह अनुसरणकर्ता बन जाते हैं.
दृढ़ निश्चयी होना आवश्यक
"नेतृत्व करने के लिए आपमें दृढ़ निश्चयी होना आवश्यक है. इसके लिए आपमें यह विश्वास होना चाहिए कि आपका यही इरादा भी है. मैं यह मानता हूँ कि कई बार ऐसे मौके आयेंगे जब आप के मान में संशय की स्थिति उत्पन्न होगी. ऐसे में आपको सही पथ चुनना होगा और लगातार उसी का अनुसरण दृढ़ता पूर्वक करना होगा. मुझे यकीन है कि आप कामयाब होंगे. इस सभी में आपकी एक विशेष भूमिका रहेगी. इस तरीके से सही राह पर दृढ़तापूर्वक चलकर ही आप यह साबित कर सकते हैं कि आपने, आपके अभिभावकों ने आपकी शिक्षा में जो कुछ निवेश किया है वह जीवन का सबसे बेशकीमती निवेश है. इसी ने आपका जीवन संवारा है.
"मैं यकीन करता हूँ कि वे लोग जो कुलीन पदों पर पहुंचेंगे वे देश के कुलीन वर्ग में होंगे, और आप उन सभी के प्रति मानवीय और संवेदनापूर्ण काम करेंगे जो चाहे आपके साथ काम कर रहे हों या न कर रहे हों. आप जो भी काम करेंगे, जिस भी क्षेत्र में काम करेंगे, पूरे जोश और जुनून के साथ, उत्कंठा के साथ ही करेंगे. आपके काम में आपको संतुष्टि मिले, कार्य का उचित प्रतिसाद भी मिले, जो न्यायपूर्ण हो. आपको जो भी भूमिका निभानी हो, छोटी या बड़ी, उससे लोगों का जीवन स्तर सुधरे, खासकर गाँव के लोगों का. वे एक हो या अनेक, ६ हों या ७० करोड़. मैं आशा करता हूँ कि आप जो कुछ भी करें,उससे लोगों का जीवन स्तर किसी न किसी रूप में ज़रूर सुधरे, प्रत्यक्ष तरीके से या अप्रत्यक्ष तरीके से. और इसी से देश विकास की राह पर आगे जा सकेगा.

"आपमें से अधिकांश लोग भविष्य में अपने काम में पूरी तरह डूब हो जायेंगे और व्यवसाय जगत में अत्यधिक तल्लीन हो जायेंगे. लेकिन याद रखिये कि आप केवल व्यवसाय जगत में ही नहीं जा रहे हैं,केवल उद्योग जगत के सहकर्मियों में ही नहीं, आप जा रहे हैं भारत भर में, दुनिया भर में. यहाँ आपको अपनी अमित छाप छोड़नी होगी ताकि दुनिया आपके दिए अभिदान को, आपके सहयोग को, आपके यो गदान को आनेवाली पीढियां भी देख सकें कि आपने उनके लिए क्या किया है"

साबुन से लेकर स्टील तक और नमक से लेकर नेनो तक बनानेवाले रतन टाटा का ख्वाब है कि उनके समूह में महिलाओं की भागीदारी बढाई जाए, खासकर इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्र में, और इसके लिए युवावस्था में ही उन्हें प्रबंधन में जगह देकर ट्रेनिंग दी जाए जिससे वे शीर्ष पदों पर पहुंचकर अपनी प्रतिभा का सिक्का जमा सके.
प्रकाश हिन्दुस्तानी


हिन्दुस्तान (1 -1- 2012) के एडिट पेज पर प्रकाशित

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