Thursday, July 14, 2011

सामान्य ज्ञान का भारतीयकरण भी जरूरी

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सामान्य ज्ञान का भारतीयकरण भी जरूरी

यूपीएससी ने फैसला किया है कि अब प्रशासनिक पदों के प्रतियोगी फायनल इंटरव्यू में अपनी मातृभाषा में जवाब दे सकेंगे. अब तक केवल हिन्दी अथवा अंग्रेज़ी में ही इंटरव्यू होता था. यह एक अच्छा फैसला है जिसका लाभ दूसरी भारतीय भाषाओँ के प्रतियोगियों को होगा. वास्तव में यूपीएससी में भाषा के अलावा सामान्य ज्ञान के नाम पर होनेवाली अराजकता भी ख़त्म की जानी चाहिए.
सामान्य ज्ञान के नाम पर विदेशी और शहरी मामलों की जानकारी को ही ज्यादा महत्त्व क्यों दिया जाता है? जिसे सामान्य ज्ञान कहा जाता है वह भी प्रतियोगी रटकर जाते हैं. क्या सामान्य ज्ञान कोई रटने की विषयवस्तु है? आखिर सामान्य ज्ञान में यह क्यों नहीं पूछा जाना चाहिए कि कंडे और सरकंडे में क्या अंतर है? क्यों नहीं पूछा जाना चाहिए कि विक्रम संवत और शक संवत में क्या अंतर है? ..क्या अंतर है तबले और पखावज में? कार्तिक के बाद कौन सा महीना आता है?...उर्दू का जन्म कहाँ हुआ था?...मुद्राराक्षस कौन था? क्या यह कोई करंसी है? क्या पाला लगाने से गेहूं की फसल बर्बाद हो जाती है? अमीर खुसरो ने किस वाद्य यंत्र का अविष्कार किया था? शतरंज की खोज कहाँ हुई और पानी पूरी भारत के किस शहर की देन है?...रावण हत्था क्या है? यह कोई हथियार है या वाद्य ? वो कौन शख्स था जिसने राष्ट्रपति भवन एक बार, लाल किला दो बार और ताज महल तीन बार बेच डाला था?
वास्तव में हमारे लिए वही सामान्य ज्ञान वास्तव में उपयोगी है जो हमसे सरोकार रखता हो. आज कितने ही आला अधिकारीयों को यह बात पता नहीं है कि पाला गिरने से दूसरी फसलें भले ही चौपट हो जाएँ, गेहूं की फसल को फायदा ही होता है. आज भी करोड़ों भारतीय घरों में काल गणना हिन्दी तिथि के अनुसार ही होती है. विजडन पत्रिका के कवर पेज पर किसकी तस्वीर है या मिकी माउस के जन्मदाता वाल्ट डिज्नी का साथी कौन था जैसे सवालों की जगह भारतीय सन्दर्भ के सवाल हमारे लिए ज्यादा मौजूं हो सकते हैं. हमारे प्रतियोगी के लिए नोकिया कम्पनी के चैयरमैन का नाम जानने से ज्यादा ज़रूरी दादा साहब फाल्के के बारे में जानना हो सकता है. एक हेक्टेयर में चावल की औसत पैदावार कितनी है और मक्का की फसल को कितनी बार सिचाई की ज़रुरत होती है यह जानकारी हमारे विद्यार्थियों को क्यों नहीं होना चाहिए? कुम्भ का मेला कब और कहाँ भरता है और कब ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का उर्स कब होता है और वहां के सेवकों को क्या कहा जाता है जैसे सवालों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.
कोई भी प्रतियोगी अपने आसपास के माहौल को कितना समझता है और उससे क्या सीख सकता है, यह बात सामान्य ज्ञान का पैमाना होना चाहिए. 'क्या आप जानते हैं' टाइप रटा रटाया सामान्य ज्ञान हमारे सन्दर्भ में शायद खरा नहीं उतरता हो और न ही ' कौन बनेगा करोड़पति' छाप सामान्य ज्ञान बहुत उपयोगी होगा क्योंकि यहाँ लक्ष्य होता है ज्यादा से ज्यादा एसएमएस मंगवाकर रूपया कमाना, न कि सामान्य ज्ञान का विस्तार करना.

प्रकाश हिन्दुस्तानी

हिन्दुस्तान 14 july 2011

1 comment:

PUKHRAJ JANGID पुखराज जाँगिड said...

बढिया आलेख। बधाई।