Friday, March 04, 2011




गायिका आशा भोसले अब हिंदी फ़िल्म 'माई' में लीड रोल करने जा रही हैं. वे हैं तो केवल 78 की, लेकिन जोश 23 साल की यौवना से भी कहीं ज्यादा है. कोई बहरा इंसान ही होगा जो उनके गीतों का फैन ना हो. मस्त, जिंदादिल, मेहनती, उत्साह से लबरेज़ आशा को हर तरह के गाने पसंद हैं. न तो मुन्नी की बदनामी से एलर्जी है, न शीला की जवानी से.



'जवान' आशा भोसले का नया रोल

इंटरप्रेन्योर, शेफ, होटेलियर, इंटीरियर डिजाइनर, गृहिणी और गायिका आशा भोसले अब हिंदी फ़िल्म 'माई' में लीड रोल करने जा रही हैं. वे हैं तो केवल 78 की, लेकिन जोश 23 साल की यौवना से भी कहीं ज्यादा है. कोई बहरा इंसान ही होगा जो उनके गीतों का फैन ना हो. मस्त, जिंदादिल, मेहनती, उत्साह से लबरेज़ आशा को हर तरह के गाने पसंद हैं. न तो मुन्नी की बदनामी से एलर्जी है, न शीला की जवानी से. उन्होंने अपने दादा की उम्र के संगीतकारों के साथ भी काम किया है और अपने पोतों की उम्र वालों के साथ भी. उन्होंने रवि शंकर के गुरु उस्ताद अली अकबर खान के साथ भी बंदिशें गाई थीं और हाल ही उनका एक अलबम सुनिधि चौहान के साथ भी आया है.

आशा भोसले ने दस साल की उम्र में फिल्मों में गाना शुरू किया था, पहला सोलो उन्होंने ग्यारह की उम्र में गया था. जब वे 16 साल की थीं, तब अपने सचिव गणपतराव भोसले से शादी कर ली थी, जो उनसे पंद्रह साल बड़े थे. लता और परिवार के दूसरे लोगों को यह पसंद नहीं था और इस कारण उनकी बोलचाल बंद हो गयी. इस शादी के करीब 12 साल बाद वे अपने पति का घर छोड़ वापस आयीं तब दो बच्चे गोद में और एक गर्भ में था. अपने सपने को जीने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की. वह दौर शमसाद बेगम, गीता दत्त और लता मंगेशकर का था. ये जो गीत ठुकराते, वही आशा झपट लेतीं. पर यह सब भी आसान नहीं था. जो गाने मिलते, वही गातीं. हेलन की आवाज़ वे बन चुकी थी. कैबरे - गीतों की सरताज. संगीतकार ओ पी नय्यर से नज़दीकी बड़ी तो लता फिर नाराज़ हो गयीं आशा और नय्यर दोनों से. 1980 में उन्होंने संगीतकार राहुलदेव बर्मन से ब्याह रचाया. राहुलदेव बर्मन और आशा ने अनेक यादगार गाने दिए हैं, जिनमें दम मारो दम (हरे राम हरे कृष्णा), महबूबा महबूबा (शोले), पिया तू अब तो आजा (कारवां), चुरा लिया है तुमने जो दिल (यादों की बरात), मेरा कुछ सामान (इजाज़त) कुछ नमूने हैं. उन्होंने बिमल रॉय की परिणीता, राज कपूर की बूट पॉलिश और बीआर चोपड़ा की फ़िल्म नया दौर में भी गाने गाये, लेकिन राष्ट्रीय पुरस्कार मिला मुजफ्फर अली की उमराव जान के गानों के बाद.

आशा भोसले वर्सेटाइल गायिका हैं. क्लासिकल, फोक, ग़ज़ल, कव्वाली, रवींद्र संगीत सभी कुछ गया है. उनके गाने में क्वालिटी भी है और क्वान्टिटी भी. वे मोस्ट रिकार्डेड गायिका हैं और करीब एक हजार फिल्मों के अलावा उन्होंने दुनिया भर में सैकड़ों स्टेज शो और अलबम्स के लिए भी गाया है. कोई बड़ा संगीतकार या गायक नहीं है, जिसके साथ उन्होंने गाया न हो. उन्होंने हिंदी, मराठी, बांग्ला, असमिया, उर्दू, तमिल, तेलुगु, नेपाली, रशियन, चेक, मलय आदि में गाने गाये हैं. भारतीय गायकों के अलावा बॉय जार्ज, माइकेल स्टिप और क्रिकेटर ब्रेट ली के साथ भी गाने गाये हैं.

1933 में जन्मीं आशा अपनी निजी ज़िंदगी में भी वर्सेटाइल हैं. दुबई, दोहा, अबू धाबी, कुवैत में उनके रेस्टोरेंट हैं. रस्सेल स्कॉट के साथ वे अगले पांच साल में 40 और रेस्टोरेंट खोलने जा रही हैं. वे लाजवाब कुक हैं और कढाई गोष्ट, बिरयानी,पाया करी, गोवन फिश करी, दाल आदि बनने में एक्सपर्ट हैं. शेफ को खुद ट्रेनिंग देती हैं. हर साल अपने घर का पूरा इंटीरियर खुद बदलती है. सफ़ेद साड़ी पर चमकीली अम्ब्रायड्री, गले में मोटी और हीरे के जेवरों के साथ ही टेनिस शू पहनना उन्हें प्रिय है. हाल ही एक बयान में उन्होंने मुंबई पुलिस को असभ्य कहा था, जिसे प्रशासन ने गंभीरता से लिया और पुलिसकर्मियों की ट्रेनिंग शुरू कर दी गयी. अब माई के रोल में उनकी भूमिका का इंतज़ार है.
प्रकाश हिन्दुस्तानी

हिन्दुस्तान
6 मार्च 2011

1 comment:

shripal singh panwar said...

curaliya hain jo tumne badal na jana sanam .......................