Friday, March 11, 2011





दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति का कहना है कि मैं दूसरों के लिए नहीं जीता. अगर कोई आदमी यह सोचकर ही काम करे कि दूसरे क्या सोचेंगे तो मैं ऐसे आदमी को मरा हुआ मानूंगा.... मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि मेरी मौत के बाद लोग मेरे बारे में क्या कहेंगे!


दुनिया का सबसे धनी कार्लोस स्लिम

नाम : कार्लोस स्लिम (सही नाम सेलिम, जो अरबी के सलीम से बना है).
पोजीशन : 'फ़ोर्ब्स' के मुताबिक़ दुनिया के सबसे धनवान व्यक्ति.
व्यवसाय : मेक्सिको और 11 लातिन अमेरिकी देशों में टेली कम्युनिकेशन इंडस्ट्री के सिरमौर.
संपत्ति : 7400 करोड़ डॉलर के आपपास, जो हर मिनिट बढ़ती रहती है.
पसंदीदा वाक्य : बगैर हिंसा के दूसरों की जेब से पैसा निकलना ही बिजनेस है!


16 साल बाद 'फ़ोर्ब्स' की सूची में कोई गैर अमेरिकी धन के मामले में सबसे ऊपर आया है. बिल गेट्स और वारेन बफेट को पीछे छोड़नेवाले कार्लोस मेक्सिको में रहते हैं जहाँ की अर्थ व्यवस्था पहले ही बर्बादी के कगार पर है और वहां की करीब 20 फीसदी गरीबी रेखा से नीचे रहती है. टेलीकॉम इंडस्ट्री में कार्लोस की कंपनी टेलमेक्स की हिस्सेदारी ९० फीसदी है. दुनिया की सबसे महंगी टेलीकॉम सेवा मेक्सिको में है.
गरीबों के देश की सबसे महंगी सेवा की मोनोपोली के मालिक का मानना है कि दान देने से गरीबी दूर नहीं हो सकती. फिर ही उन्होंने अपनी अकूत सम्पदा में से करीब 6 प्रतिशत दान देने की योजना बनाई है.

कार्लोस को दिखावे का ज्यादा शौक नहीं. चालीस साल से उसी घर में रह रहे हैं. शौक है कलाकृतियाँ इकट्ठी करने का. हाल ही में अपने आर्किटेक्ट दामाद के साथ मिलकर आर्ट म्यूजियम खोलने जा रहे हैं जिसमें उनकी खरीदी हुई दो हज़ार से ज्यादा कलाकृतियों को प्रदर्शित किया जाएगा. इनमें पाब्लो पिकासो, सल्वाडोर डाली, दियेगा रिवेरा आदि की कृतियाँ मुख्य होंगी. कार्लोस खुद बहुत टेक्नो सेवी नहीं हैं. उनके पास एक लेपटॉप भी है, लेकिन वे कागजों पर लिखना पसंद करते है. उनका कहना है कि मैं 'पेपर मैन' हूँ. उनका खयाल है कि इन्टरनेट नए सिविलाइजेशन का हार्ट है, लेकिन टेलीकम्युनिकेशन उसका नर्वस सिस्टम है.

दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति का कहना है कि मैं दूसरों के लिए नहीं जीता. अगर कोई आदमी यह सोचकर ही काम करे कि दूसरे क्या सोचेंगे तो मैं ऐसे आदमी को मरा हुआ मानूंगा.... मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि मेरी मौत के बाद लोग मेरे बारे में क्या कहेंगे! ...''दुनिया में ई कॉमर्स कितना भी बढ़ जाए, पुरानी चीज़ों का महत्त्व भी रहेगा ही. मकान बनाना हो तो ईंटें भी लगेगी ही.... मैं अपने पेड़ के फल शेयर करना पसंद करता हूँ, पेड़ को नहीं. इन बातों से कार्लोस का नजरिया समझा जा सका है.

28 जनवरी 1940 को जन्मे कार्लोस लेबनान के हैं और 14 साल कि उम्र में ही मेक्सिको आ गए थे. जहां उनके पिता 38 साल पहले बस गए थे. कार्लोस के पिता व्यवसायी थे और नहीं चाहते थे कि लेबनानी क़ानून के अनुसार 15 का होते ही उनका बेटा अनिवार्य फौजी सेवा में जाए. पिता से धंधे के गुर सीखनेवाले कार्लोस ने पहले रियल स्टेट और अन्य व्यवसाय किये और मेक्सिको की बदहाली के दिनों में विनिवेश होती कंपनियों को खरीदकर बहुत दौलत कमाई. वे मानते है कि शेयर बाजार में आज कोई ऊपर है तो कल नीचे हो सकता है लेकिन उनका लक्ष्य साफ है--सबसे धनी व्यक्ति होना, सबसे ज्यादा सम्मानित धनी होने को वे कोई पैमाना नहीं मानते.
प्रकाश हिन्दुस्तानी

हिन्दुस्तान
13 मार्च 2011

1 comment:

shripal singh panwar said...

this is a vary impotent