Friday, October 02, 2015

मानव कल्याण के लिए धर्म


सिंहस्थ 2016 (13)
सिंहस्थ के पहले धार्मिक आध्यात्मिक सम्मेलन

सिंहस्थ 2016 के पहले इस बार एक अनूठा आयोजन होने जा रहा है। यह आयोजन सर्वधर्म समभाव  की दिशा में एक महत्वपूर्ण कड़ी होगा। इससे सिंहस्थ की भूमिका भी तैयार होगी और यह ऐसी भूमिका होगी, जो केवल परंपराओं का निर्वाह करने के लिए नहीं, मानवता के लिए उठाया गया एक कदम होगा। यह कदम है अंतरराष्ट्रीय धर्म सम्मेलन। इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेन्शन सेन्टर में इस आयोजन की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है।

24 से 26 अक्टूबर 2015 तक होने वाले इस सम्मेलन का विषय है मानव कल्याण के लिए धर्म। इस आयोजन में दुनियाभर के सभी प्रमुख धर्मों के गुरु और शिक्षाविद सम्मिलित होंगे। मध्यप्रदेश के संस्कृति विभाग के इस आयोजन में सांची का बौद्ध-भारतीय ज्ञान, अध्ययन, विश्वविद्यालय और नई दिल्ली का इंडिया फाउंडेशन भी योगदान दे रहा है। 

इस आयोजन में करीब 100 प्रमुख धर्मगुरु और करीब एक हजार विशिष्ठ विद्वान सम्मिलित होंगे। इसका उद्देश्य यह भी है कि मानव कल्याण के लिए सभी धर्मों में कहीं गई बातों को जन-जन तक पहुंचाया जाए। 29 देशों के धर्मगुरु विचारक और चिंतक इस आयोजन में शामिल होने के लिए जापान, चीन, अमेरिका, दक्षिण कोरिया, भूटान, श्रीलंका, नेपाल, सिंगापुर, म्यांमार, कम्बोडिया, थाईलैंड आदि देशों से आने वाले है। 


सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में लोकसभा की स्पीकर श्रीमती सुमित्रा महाजन, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भूटान के विदेश मंत्री श्री लोम्पो डोम्चो दोर्जी शामिल होंगे। 24 अक्टूबर को इस आयोजन का उद्घाटन कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य श्री स्वामी जैन सरस्वतीजी करेंगे। समापन सत्र में 26 अक्टूबर को आर्ट ऑफ लीविंग के श्रीश्री रविशंकर केन्द्रीय संस्कृति मंत्री श्री महेश शर्मा, मध्यप्रदेश के संस्कृति और पर्यटन मंत्री श्री सुरेन्द्र पटवा और केन्द्रीय तिब्बती प्रशासन के श्री लोब सांग सांगे उपस्थित रहेंगे। 

धर्म के मार्ग से एकता, बंधुत्व, शांति, समृद्धि और जनकल्याण किस तरह हो इसी पर चर्चाएं होंगी। मुख्य सत्र के साथ ही 6-6 समानांतर सत्र भी आयोजित किए जाएंगे। इन सत्रों में विश्व शांति पर्यावरण और प्रकृति, मानव गौरव, बहुवचनवाद, सहअस्तित्व, नैतिक व आध्यात्मिक मूल्य आदि पर चर्चा करेंगे। 

सम्मेलन में जिन विषयों पर चर्चा होगी, वे हैं-

1. विश्व शांदि की स्थापना में धर्मों का क्या महत्व है। 
2. पर्यावरण संतुलन में धर्मों का योगदान।
3. मानव गरिमा की रक्षा और लैंगिंग समानता को धर्म कितना बढ़ावा दे रहे है इस मुद्दे पर चर्चा करना।
4. सामाजिक न्याय की स्थापना में धर्मों की भूमिका।
5. मानवता को सेहतमंद और आध्यात्मिक लाभ पहुंचाने वाले योग तत्व और यौगिक क्रियाओं की चर्चा करना। 
6. ज्ञान का स्थान विभिन्न धर्मों में कौन-सा है?
7. धार्मिक बहुलता वाले देशों में मिल-जुलकर रहने के बारे में धर्म क्या कहता है?
8. सामाजिक सेवा के बिना धर्म का उल्लेख नहीं किया जा सकता। सामाजिक सेवा के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।

इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में 130 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए जाने हैं। यह शोध पत्र हिन्दी और अंग्रेजी में होंगे। इस सम्मेलन के लिए विद्वानों ने आने की स्वीकृति दे दी है और अब इस आयोजन को सिंहस्थ 2016 के संदर्भ में देखा जा रहा है। कोशिश है कि सिंहस्थ केवल धार्मिक अनुष्ठान बनकर न रहे, बल्कि संपूर्ण आध्यात्मिक आयोजन भी बने। 
--प्रकाश हिन्दुस्तानी

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