Friday, October 02, 2015

सिंहस्थ के पहले 357 गांव होंगे स्मार्ट विलेज?

सिंहस्थ 2016 (14)

सिंहस्थ 2016 के पहले उज्जैन क्षेत्र के 357 गांवों को स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित करने की योजना हैं। सिंहस्थ में आने वाले श्रद्धालु इन गांवों में जाकर सुखद अनुभूति लेकर वापस लौटेंगे। इन गांवों को स्मार्ट बनाने की योजना को अंतिम रूप दे दिया गया है। इसके लिए कार्यशालाएं आयोजित हो रही है। इन कार्यशालाओं को स्मार्ट विलेज-स्मार्ट    पंचायत नाम दिया गया है। 




इन स्मार्ट विलेज में नशा बंदी रहेगी। समाज में कोई कुरीति और कुप्रथा सहन नहीं की जाएगी। गांव वालों के आपसी झगड़े फसाद भी बातचीत से निपटाए जाएंगे। गांव में सफाई का पूरा ध्यान रखा जाएगा और खुले में शौच जाने की नौबत नहीं आने दी जाएगी। सभी गांवों में सभी घरों में शौचालय होंगे। राज्य सरकार ने योजना बनाई है कि अगर यह गांव स्व करारोपण से 20 लाख रुपए इकट्ठे कर लेंगे, तो उन्हें सरकार की तरफ से 40 लाख रुपए और दिए जाएंगे, जिससे वे विकास के कार्य कर सकेंगे। 

इन 60 लाख रुपयों से गांव में आधारभूत संरचना तैयार की जाएगी। स्कूल भवन, आंगनवाड़ी, खेल का मैदान, पेयजल योजना, गांव की आंतरिक सड़कों का कांक्रीट से निर्माण, कचरे का प्रदूषणहीन निपटारा, वृक्षारोपण, हाट बाजार का निर्माण, राशन की दुकान, उपस्वास्थ्य केन्द्र, शांतिधाम, पंचायत भवन आदि का निर्माण कराया जा सकेगा। मुख्यमंत्री आवास मिशन योजना के साथ ही गांव के सभी घरों को पक्का बनाने की योजना भी बनाई जा रही है। कोशिश रहेगी कि इन गांवों में वाइफाइ की सुविधा उपलब्ध हो, गांव के सभी घरों की रंगाई-पुताई एक समान हो, गांव के साइन बोर्ड सुंदर हो, स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था पर्याप्त हो। 

प्रशासन की कोशिश है कि गांव के 5 किलोमीटर क्षेत्र के भीतर ही पोस्ट ऑफिस और बैंकिंग की सुविधा भी उपलब्ध हो। प्लास्टिक के कचरे से निपटने के लिए योजना बनाई जा रही है कि प्लास्टिक का कचरा 18 रुपए प्रति किलो खरीदा जाए और फिर उसका उपयोग सड़क बनाने में हो। 

इन सभी गांव का चयन पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने किया है। उज्जैन जिले के 67, नीमच के 32, मंदसौर के 67, रतलाम के 73, देवास के 37, धार के 19, झाबुआ के 33, शाजापुर के 13 और आगर-मालवा के 16 गांव इस स्मार्ट ग्राम योजना में शामिल होंगे। पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने पंचायतों से कहा है कि गांव के विकास में धन की कमी को आड़े नहीं आने दिया जाएगा। 

मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव एन्टोनी डिसा ने भी सिंहस्थ 2016 के सभी आयोजनों को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने को एक बड़ी चुनौती माना है। मुख्य सचिव का कहना है कि निर्माण कार्य तो लगभग पूर्ण होने को है। अभी हमें ट्रैफिक मैनेजमेंट और लाजिस्टिक की व्यवस्था बेहतर तरीके से करना है। सिंहस्थ के दौरान बैंकिंग सेवाओं के लिए 12 बैंक सामने आई है, जिनमें से दो ने मेला कार्यालय में बैंकों के संचालन के लिए एमओयू पर दस्तखत भी कर दिए है। सिंहस्थ के दौरान महांकाल मंदिर के सामने वाला संपूर्ण हिस्सा और सुंदर कराया जाएगा। अभी महांकाल मंदिर के प्रवेश द्वार पर ही पुलिस चौकी, जूता-चप्पल स्टैंड, प्याऊ और टीन शेड होने से सुंदरता प्रभावित हो रही है। मंदिर के नए निर्गम द्वार का निर्माण भी किया जा रहा है। निर्गम के पास ही एक संग्रहालय बनाया जा रहा है, जहां भगवान महांकाल के मुखौटे श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए रखे जाएंगे। 

नासिक कुंभ में आए शंकराचार्य और अखाड़ा परिसर के अध्यक्ष से सिंहस्थ के अधिकारियों ने नासिक में मुलाकात की और उन्हें सिंहस्थ में आने का निमंत्रण भी दिया। नासिक में सभी 13 अखाड़ों के श्रीमहंत को भी आमंत्रित किया गया है। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का शिविर सिंहस्थ के दौरान रुद्रसागर में रहेगा। 

--प्रकाश हिन्दुस्तानी

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