बांग्ला देश में आज 12 मई की सुबह ब्लॉगर अनंत बिजॉय दास की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई.
अनंत धार्मिक कट्टरपंथ के खिलाफ हमेशा लिखते रहते थे। बांग्लादेश की राजधानी ढाका से करीब 240 किलोमीटर दूर स्थित सिलहट में यह घृणित-खूनी वारदात की गई।
अनंत धार्मिक कट्टरपंथ के खिलाफ हमेशा लिखते रहते थे। बांग्लादेश की राजधानी ढाका से करीब 240 किलोमीटर दूर स्थित सिलहट में यह घृणित-खूनी वारदात की गई।
नकाबपोश कट्टरपंथी बदमाशों ने अनंत बिजॉय दास पर गोश्त काटने वाले चाकू से हमला किया था।बांग्लादेश में चार माह में ब्लॉगर की हत्या की यह तीसरी वारदात है। अनंत बिजॉय दास भी उसी मुक्त-मन ब्लॉग में लिखा करते थे, जिसमें अविजित रॉय लिखा करते थे।
26 फ़रवरी को ब्लॉगर, लेखक, अनीश्वरवादी बुद्धिजीवी अविजित रॉय की हत्या भी ऐसे ही कर दी गई थी।(अविजित रॉय 'मुक्त-मन' ब्लॉग चलाते थे। वह बांग्लादेशी मूल के थे और पिछले कुछ सालों से अमेरिका में रह रहे थे।) मार्च में भी एक और ब्लॉगर वशीकुर रहमान की ढाका में ही हत्या कर दी गई थी। तीनों हत्याएं एक तरीके से की गई हैं।
अनंत बिजॉय दास की हत्या की जिम्मेदारी अंसार अल इस्लाम नामक बांग्लादेशी संगठन ने ली है। इस अतिवादी गुंडा संगठन की तरफ से ट्विटर पर यह बात उजागर की गई। अनत को 2006 में मुक्त मन रेशनलिस्ट अवार्ड से सम्मानित किया गया था. अनंत एक बैंक में कार्यरत थे और एक त्रैमासिक पत्रिका 'जुक्ति' के संपादक भी थे। पुलिस ने हत्यारों को पकड़ने का दावा किया है।
26 फरवरी को अविजित रॉय की हत्या के बाद बांग्लादेश में व्यापक आंदोलन हुए थे, लेकिन यह खूनी खेल थम नहीं रहा।
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