वीकेंड पोस्ट के 4 जनवरी 2014 के अंक में मेरा कॉलम
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2013 में यह हुआ :
--सलमान और राहुल गांधी की शादी नहीं हो सकी। बेचारे दोनों चिरकुंवारे। काम-धंधे के मारे। पकिस्तान की वीना मलिक भारतीय, ब्रिटिश, आस्ट्रेलियाई आदि के प्रेमियों की वेटिंग लिस्ट अधूरी छोड़ गई और दुबईवाले की हो गई। बेचारी पूनम पाण्डे, शर्लिन चोपड़ा और पायल रोहतगी का यहाँ-वहाँ डोरे डालना (या बांटना ?) कोई काम नहीं आ पाया।
--राहुल के प्रधानमंत्री पद की घोषणा नहीं हो सकी। मोदी की हो गई। चैनलवालों ने तो केजरीवाल, करात, मायावती, मुलायम, जयललिता और न जाने किस किस को प्रधानमंत्री का दावेदार बता डाला। अभी और भी कई भावी प्रधानमंत्री आयेंगे।
--मध्यप्रदेश में कांग्रेस की वापसी दस साल बाद भी नहीं हो सकी। पार्ट टाइम पॉलिटिशंस पिछड़ गए बेचारे। अब वास्तव में काम-धंधा खोजना होगा। छतीसगढ़ में भी यही हुआ। शीला आंटी ने बहुत काम किया था, लेकिन लोगों ने फिर भी खिलाफ में हवा बना दी और उनका फिर सी एम बनने का सपना धरा रह गय़ा। डॉक्टर हर्षवर्धन 32 विधायकों के टॉनिक के बावजूद मरीज़ हर्षवर्धन बन गए। राजस्थान में लोगों ने रॉयल फेमिली की ही नेता को फिर चुना।
--तरुण तेजपाल, आसाराम और नारायण साईं की जमानत नहीं हो सकी। लोग कि बाबा लोग अति करने में मारे गए। अहंकार भी था, जो ले डूबा। तेजपाल का तेज जाता रहा। उसे मोनिका लेविंस्की का रोल करना भारी पड़ा और उससे भी भारी पड़ा माफ़ी मांगना।
-- सचिन ने आखिरकार रिटायर होकर बड़ी राहत दी। भारत रत्न- राज्यसभा सदस्य और न जाने क्या क्या हो गए और देशवासियों पर महान उपकार किया। कुछ लोगों का कहना है कि अब अभय कुरवीला और वेंकटेश प्रसाद को भी सचिन की राह पकड़ लेनी चाहिए।
--केजरीवाल शासन-प्रशासन कैसा भी चलायें --टीवी चैनलों पर एंकरों से भी ज्यादा वक़्त छाये रहे हैं और आगे भी छाये रहेंगे। वे टीवी चैनलों के लिए कपिल शर्मा के 'अवतार' हैं जिनके बिना बुलेटिन अधूरा रहता है। केजरीवाल जानते हैं कि दिल्ली की आई इस ठण्ड में कोई परिवार 700 लीटर पानी रोज मांगेगा नहीं। ऐसी ठण्ड में लोग नहाना तो क्या, धोना भी नहीं चाहते!
--संजय दत्त खातिर जैल यात्रा पर हैं, पर वे जैसे पेरोल लेते हैं, वैसे तो भैनजी बच्चों को पानी पेशाब की छुट्टी भी नहीं देती। मान्यता दत्त की मान्यता है कि दुल्हन वही जो पेरोल दिलवाये।
--धूम-3 भी आ गई। लोगों ने झेली। आशा है यशराज का बैनर अब देश पर कृपा करेगा। अगर उदय चोपड़ा यश चोपड़ा का बेटा नहीं होता तो शायद अपने पैसे से ऐसी महँगी फ़िल्म में काम करना तो दूर, धूम-3 का महंगा टिकिट भी नहीं खरीद पाता। अब देश उदय की तरफ आशा भरी निगाहों से देख रहा है क्योंकि उन्होंने भी संन्यास की घोषणा की है।
--बीता साल दिल टूटने का भी रहा। अण्णा का केजरीवाल से वैसे ही दिल टूटा, ह्रतिक रोशन का सुजैन से। जिआ खान ने आत्महत्या कर ली। नॉएडा के तलवार दंपत्ति को मिला।
--दिल टूट गया जब दौडियाकलां में खुदाई हुई, कुछ मिला नहीं। गूगल पर सबसे ज्यादा सर्च सनी लिओनी की हुई। भारत महान है क्योंकि यहाँ क़ानून अंधा है, पी एम गूंगा, आसाराम संत, वाड्रा किसान।
--प्रकाश हिन्दुस्तानी
(वीकेंड पोस्ट के 4 जनवरी 2014 के अंक में मेरा कॉलम)
1 comment:
"... केजरीवाल जानते हैं कि दिल्ली की आई इस ठण्ड में कोई परिवार 700 लीटर पानी रोज मांगेगा नहीं। ऐसी ठण्ड में लोग नहाना तो क्या, धोना भी नहीं चाहते!..."
सही कहा! :)
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