Tuesday, November 15, 2011

देह और दिमाग़ के योग से शीर्ष पर

रविवासरीय हिन्दुस्तान (13/11/2011) के एडिट पेज पर मेरा कॉलम


देह और दिमाग़ के योग से शीर्ष पर
शकीरा भारत आ रही हैं. वे आल इन वन हैं -- बिजनेस वूमन, गायिका, डांसर, गीत लेखिका, संगीतकार, लाइव परफार्मर, रेकॉर्ड निर्माता, मॉडल, समाजसेवी, यूनिसेफ की प्रतिनिधि, अमेरिकी राष्ट्रपति की सलाहकार आदि. वे सुन्दर हैं, युवा हैं, धनवान हैं, शोहरतमंद हैं, लेकिन वे विनम्र हैं, मेहनती, दयालु, गरिमामय भी हैं. इससे बढ़कर वे बुद्धिमान हैं और सच बोलने की आदी. उनके आगे आइटम जैसा शब्द शायद छोटा है. नोबेल साहित्य विजेता गेब्रियल गेर्सिया मार्केज़ का दावा है कि शकीरा के शो में आप किसी और के बारे में सोच ही नहीं सकते. ग्रेमी, गोल्डन ग्लोब जैसे कई सम्मान वे पा चुकी हैं. शकीरा कोई ऐसे ही शकीरा नहीं बनीं; उनकी सफलता के कुछ सूत्र :
लोक से जुड़ाव ज़रूरी
लोक नर्तकी और बेली डांसर के रूप में शकीरा ने नाम और नामा कमाया है और अपने संगीत में मादक-सौन्दर्य का ऐसा बघार लगाया है कि वह सुनने से ज्यादा देखते ही बनता है. वे नंगे पैर नाचना पसंद करती हैं और आने साथ लोगों को नाचने के लिए प्रेरित करने में उन्हें मज़ा आता है. वे स्टेज शो के दौरान अपने से ज्यादा रोशनी दर्शकों पर देखना चाहती हैं और उनके मान के भाव को समझ कर अपनी प्रस्तुति को हर पल नया रूप देती रहती हैं. फूहड़ता के आरोपों के बावजूद उनके दीवानों की संख्या लाखों में हैं. उनकी लोकप्रियता का चार्ट तथाकथित शीला और मुन्नी की तरह टेम्परेरी नहीं है. उनकी पहुँच ग्लोबल है. वे जब भी मंच पर होती हैं, तब संगीत से नफ़रत करनेवाला भी थिरकने के मूड में आ जाता है. वे जब परफ़ॉर्म करने मंच पर जाती हैं, तब अपनी जुबान और दिमाग ही नहीं, पूरी देह की भाषा का इस्तेमाल करती हैं.
देह को एक मंदिर समझें
शकीरा की पूरी दिनचर्या का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण समय अपनी देह की तरफ ध्यान रखने और उसकी चाकरी में बीतता है. बात किस्म किस्म के एक्सरसाइज़ की हो या कड़ाई से पालन किये जाने वाले डायट प्लान को लागू करने की, शकीरा उसमें रत्तीभर भी हेरफेर नहीं होने देती.कभी भी कोई भी दिन ऐसा नहीं होता, जब शकीरा ने अपने डेली वर्क आउट को मिस किया हो. वे भरपूर सलाद खाती हैं, हरी पत्तेदार सब्जियां, वसामुक्त भोजन करती हैं. धूम्रपान, मिठाई-चोकलेट और मांसाहार से दूर रहती हैं. शाकाहार उनकी प्राथमिकता है. वे शराब नहीं पीतीं, यहाँ तक कि कैफीनयुक्त काफी से भी परहेज़ रखती हैं. हमेशा वक्त पर सोना (कार्यक्रमों के अलावा) उनकी आदत है. उनके वर्कआउट में शरीर के हर हिस्से की कसरत शामिल है.
काम के प्रति पूर्ण समर्पण
शकीरा अपने काम के प्रति पूरी तरह से समर्पित रहती हैं. इतना ही नहीं, वे अपनी कला के हर क्षण को जीती भी हैं. बात चाहे गीत लिखने की हो या गाने की, उसके वीडियो के डायरेक्शन की हो, या संपादन की, नृत्य संयोजन हो या पोस्ट प्रोडक्शन वे उसमें डूबकर काम करती हैं. उन्हें क्या पहनना है, क्या नहीं पहनना और कैसा मेकअप करना है, कब, कितनी, किस किस के साथ रिहर्सल करना है, जैसी हर बात में दखल और ध्यान रखती हैं. हर हर उनके बारे में मीडिया में अनेक सच्ची- झूठी कहानियां छपती हैं, लेकिन वे उनके प्रति अलग व्यवहार रखती है और कभी भी अपना आपा नहीं खोती.
पूर्णता में यकीन
34 साल की शकीरा 26 साल से गाना गा और डांस कर रही हैं. ईश्वर ने उन्हें फुरसत में बनाया होगा, पर अपने काम को अंजाम देने के लिए उन्हें वक़्त की कमी रहती है, वे जो भी काम करती हैं, पूरे मनोयोग और बिंदास तरीके से. आमिर खान की तरह वे भी परफैक्शन की दीवानी हैं. इसके लिए उन्हें डायरेक्टर के काम में हस्तक्षेप करना पड़े, तो भी करती है. खुद गाना लिखना हो, दूसरी भाषा सीखना हो, संगीतकार की मदद करनी हो, हर काम कर डालती हैं और पूरी मनोयोग से. उन्हें दिलजोई के लिए गाना गवारा नहीं, वे मासेस के लिए गाती और संगीत में ही जीती हैं. चाहे वे फोक डांस कर रही हों या बेली डांस, दुनिया के किसी भी कोने में गा रही हों, उनका परफेक्शन का प्रयास एक समान रहता है. कुछ साल पहले शकीरा को लगा कि वे कुछ मोटी हो गई हैं तो उन्होंने कड़ी मेहनत करके अपना वज़न काम करके ही दम लिया.
बेबाकी से अपनी राय रखें
दुनिया में बहुत से लोग हैं जो बातों को चाशनी में लपेटकर कहते हैं, लेकिन शकीरा ने जो भी कहा, बेबाकी से कहा. जो कुछ भी किया, बेख़ौफ़ किया. उन्होंने खुले आम कहा कि मैं बगैर मेकअप के कहीं भी नहीं निकलती, क्योंकि मैं एक औरत हूँ. उन्होंने कभी भी खुद को अमेरिकी बताने की कोशिश नहीं की, क्योंकि वे कोलंबियाई हैं. अपने स्पैनिश और अंग्रेज़ी के लहजे पर उन्होंने कभी कोई झिझक महसूस नहीं की. उनका कहना है कि सुन्दर झूठ की जगह कुरूप सच्चाई ज्यादा महत्वपूर्ण है. अपनी निजी ज़िन्दगी के बारे में भी उन्होंने कभी भी कुछ छिपाने की कोशिश नहीं की. वे कहती हैं कि मेरी ज़िन्दगी पानी से भरे कांच के गिलास जैसी है, पूरी तरह से पारदर्शी. एंटोनियो डे ला रुआ के साथ उनके संबंधों के बारे में भी उन्होंने नहीं छुपाया और जब वे उनसे अलग हुई, तब भी नहीं.
सिर्फ़ धन ही महत्वपूर्ण नहीं
शकीरा की आय के स्रोतों में लाइव शो, फ़िल्म, रेकोर्ड-अलबम की बिक्री और डाउन लोड, अपने नाम के उत्पादनों के कारोबार, विज्ञापन आदि तो हैं ही, वे निजी समारोहों में भी धन लेकर नाचती है. वे इससे कितना कमाती है, इसका अंदाज़ इसी से लगाया जा सकता है कि एक शादी में शो के लिए उन्होंने एक करोड़ यूरो फीस ली थी( तव एक यूरो 63 रुपये का था, यही भारतीय मुद्रा में 63 करोड़ रुपये के बराबर).इसके विपरीत वे अपने देश में लाखों लोगों के लिए होनेवाले शो में टिकिट नहीं लगाने देतीं, हर साल लाखों डॉलर का दान देती हैं कहीं स्कूल के लिए, तो कहीं स्वास्थ्य सेवा के लिए. शकीरा ने अपनी बुद्धि का भी लोहा मनवा रखा है. वे ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में अतिथि वक्ता के रूप में भी भाषण दे चुकी हैं जहाँ मदर टेरेसा और दलाई लामा भाषण दे चुके हैं. भाषण के दौरान शकीरा ने कहा, "मैं चाहती हूं कि 2060 के युवा हमें किस प्रकार देखें: विश्व शांति स्थापित करने के हमारे मिशन में अफगानिस्तान में 30,000 सैनिकों के बदले 30,000 शिक्षकों को भेजा जाना निहित है ''.

प्रकाश हिन्दुस्तानी


(दैनिक हिन्दुस्तान 13/11/2011 को प्रकाशित)

4 comments:

Digi News said...

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Dr Amit Nagpal :
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