Sunday, September 25, 2011

जीत में विनम्र, हार में गरिमामय

रविवासरीय हिन्दुस्तान के एडिट पेज 25 सितम्बर 2011 को प्रकाशित मेरा कॉलम



जीत में विनम्र, हार में गरिमामय


विश्व स्तर किये गए एक सर्वे के अनुसार टेनिस के सुपरस्टार रोजर फेडरर दुनिया के सबसे सम्माननीय खिलाड़ी और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला के बाद दूसरे सबसे सम्माननीय और विश्वसनीय सेलेब्रिटी हैं. इसी सूची में अमेरिकी बेसबाल खिलाड़ी डेरेक जेटर और ब्रिटिश फुटबालर डेविड बेकहम का नाम भी है, लेकिन सोलहवें और चौबीसवें नंबर पर. रतन टाटा भी इस सूची में नौवें नंबर पर हैं. सर्वे में यह बात सामने आई कि लोग ज्यादा कमाने वाले व्यक्ति को नहीं, समाज सेवा में ज्यादा से ज्यादा धन और समय देने के साथ ही अच्छी भावना रखनेवाले व्यक्ति के प्रति यह सम्मान भाव रखते हैं. सम्माननीय और विश्वसनीय सेलेब्रिटी का यह ख़िताब ऐसा है जिसे कोई भी उनसे नहीं छीन सकता. आखिर क्या क्या बातें हैं जिनके कारण रोजर फेडरर इतने लोकप्रिय हैं? उनकी सफलता के कुछ सूत्र:
हमेशा बुद्धिमतापूर्ण प्रदर्शन
इस दौर में जबकि टेनिस पावर गेम बन चुका है, फेडरर हमेशा अपनी बुद्धि का उपयोग करते हैं और हमेशा विविधतापूर्ण तरीके से खेलते हैं उनका अपने टेनिस रैकेट की गति, शक्ति और टॉपस्पिन पर पूरा नियंत्रण रहता है. फेडरर जब भी सर्व करते हैं तब उनकी कोई न कोई रणनीति होती है. उनका फोरहैण्ड (यानी रैकेट वाले हाथ की तरफ से मारा गया) शॉट दूसरे खिलाड़ी के लिए खतरनाक होता है और जब खेल चरम पर पहुंचता है और फैसला अंतिम क्षणों में होना हो तब फेडरर तांडव करते हैं जिसे 'एडवांटेज फेडरर' कहा जाता है. खेल के दौरान उनका आत्मविश्वास देख लोग दंग रह जाते हैं.
निरंतर श्रेष्ठतम खेल
रोजर फेडरर टेनिस में लगातार अपना श्रेष्ठतम प्रदर्शन करते रहे हैं. ऐसी निरंतरता शायद ही किसी ने दिखाई हो. वे लगातार 237 सप्ताह तक विश्व टेनिस रेंकिंग में नंबर वन पर बने रहे.( वैसे वे कुल 285 सप्ताह तक नंबर वन रेंकिंग में रहे हैं) विम्बलडन और यू एस ओपन में लगातार पाँच पाँच बार विजेता रहे. लगातार बीस बार ग्रांड स्लेम सेमीफायनल में मुकाबला करते नज़र आये. वे पीट सेम्प्रास और आंद्रे अगासी की तुलना में फिट रहे हैं और हर बार अपना शानदार प्रदर्शन करते रहे हैं. चपलता, पैनापन और दृढ़ता ने उन्हें बेहतरीन खिलाड़ी बनाया.
मानसिक मज़बूती आवश्यक
रोजर फेडरर जैसा खेलने के लिए मानसिक तौर पर मज़बूत होना ज़रूरी है. जब खेल के मैदान में मैच हाथ से छूटता नज़र आता हो तब भी वे पाना आप बनाये रखते हैं और रत्तीभर भी बेचैनी प्रकट नहीं करते. खेल में लव लव के हालात हों या प्रेशर कुकिंग टाई ब्रेकर, उन्हें जब कभी भी बाउंस, ग्राउंड स्ट्रोक, ड्रॉप शॉट, वॉली या हाफ वॉली की ज़रुरत होती है, वे वैसा ही खेल जाते हैं. वे टेनिस कोर्ट में इतने मानसिक मज़बूती दिखाते हैं कि सामनेवाले के होश फाख्ता हो जाते हैं. मैदान में उन्हें किसी ने कभी चिढचिढाते नहीं देखा. वे जो सोच लेते हैं, कर डालते है.
जीत में विनम्र, हार में गरिमामय
फेडरर के बारे में मशहूर है कि वे कभी अहंकारी नहीं हुए; क्या जीत में, क्या हार में. जीत उन्हें विनम्र बना देती है और वे पराजय होने पर ऐसी गरिमा से उसे स्वीकारते हैं जैसे वह भी उनकी जीत ही हो. जीत के बाद जब भी वे ट्रॉफी लेने जाते हैं तब उन्हें पहली बार देखनेवाले को लगता है कि शायद यह उनकी पहली जीत है और जब (कभी ऐसा मौका आये तो) हारने के बाद भी वे मैदान में रहते हैं, विजेता के खेल की तारीफ करते हैं और उसे खुलकर बधाई तथा शुभकामनाएं देते हैं. पराजय उनके दिल में कभी भी कड़वाहट नहीं घोल पाती.
भाषा पर पकड़ महत्वपूर्ण
फेडरर ने 17 देशों में अपने टाइटल जीते हैं, इसका अर्थ यह है कि वे दुनिया के कई देशों में घूमते रहते हैं. वे स्विटज़रलैंड और दक्षिण अफ्रीका की दोहरी नागरिकता रखते हैं और सात भाषाएँ जानते हैं. अंग्रेज़ी, स्विश, स्विश-जर्मन वे अच्छी तरह जानते हैं और इटालियन, स्वीडिश और स्पैनिश भी बोलते -समझते हैं. मीडिया से बातें करते वक़्त वे स्विटज़रलैंड की स्थानीय बोली भी बोलते हैं और मीडिया तथा लोगों से तादात्म्य बना लेते हैं. लोग कहते हैं कि केवल एक ही भाषा के महारत रखते हैं और वह है कोर्ट में टेनिस की भाषा!
निरंतर बढ़त ज़रूरी
जीत के लिए फेडरर का फार्मूला यही है कि अपने प्रतिस्पर्धी से लगातार बढ़त बनाये रखो. यही कामयाबी का श्रेष्ठतम और पक्का रास्ता है. अगर खेल में आपको पहले लीड मिल गयी हो तो उसे और आगे बढ़ा लेना चाहिए और उस बढ़त को इतना आगे ले जाना चाहिए कि खेल के उत्कर्ष पर वह बढ़त ऐसी हो जाए कि उसका मुकाबला नामुमकिन हो जाए. खेल का यह सूत्र निजी जीवन की प्रतिस्पर्धाओं में भी अपनाया जाना चाहिए. उन्होंने अपने लिए कोच की सेवाएं नहीं लीं. शायद इसीलिये वे इतने निश्छल होकर खेल पाते हैं क्योंकि उन्हें किसी को सफाई देने की ज़रुरत नहीं होती.
परिवार को अव्वल रखें
फेडरर के लिए अपना परिवार हमेशा महत्वपूर्ण रह है. वे अपनी पत्नी मिर्का को बहुत मानते हैं. वे 2000 में सिडनी ओलिम्पिक्स के दौरान मिले थे और बाद में दोनों ने ब्याह रचा लिया. खेल के दौरान गंभीर चोट लगने के कारण मिर्का को खेल छोड़ देना पड़ा, लेकिन मिर्का ने फेडरर के खेल को विकसित करने में काफी मदद की. मिर्का मैच के दौरान दर्शकों के बीच मौजूद रहतीं और फेडरर की हौसला अफजाई करतीं. फेडरर को मानसिक तौर पर शांत चित्त रखने में मिर्का की बड़ी भूमिका है, जिसके लिए फेडरर उन्हें सबके सामने धन्यवाद करने से नहीं चूकते.
मददगार रवैया अपनाएं
रोजर फेडरर की आय करीब सवा दो अरब रुपये के बराबर थी. यह कमाई उन्होंने खेल की पुरस्कार राशि की थी. दुनिया के अनेक खेल सामग्री उत्पादनों के विज्ञापन से भी उन्हें करोड़ों की आय होती है. उन्होंने इस कमाई को सही तरीके से खर्चने के लिए भी उन्होंने व्यवस्था कर ली है और रोजर फेडरर फाउंडेशन के मार्फ़त अविकसित देशों के बच्चों के कल्याण के लिए कार्य करते हैं. हाल ही वे इथियोपिया के बच्चों के बीच जाकर टेबल टेनिस खेलते पाए गए. वे अपनी संस्था के जरिये कई तरीकों से धन संग्रह भी करते हैं और मदद करने भी जाते हैं. अक्टूबर में वे शंघाई रोलेक्स मास्टर्स खेलेंगे और फिर स्विश इन्डूर्स, बी एन पी और नवम्बर में बर्कले एटीपी वर्ल्ड टूर. रोजर फेडरर की कामयाबी के सूत्र बेहद सरल और दिलचस्प हैं और उन्होंने शिखर तक का सफ़र कड़ी मेहनत, साफ़ मन और बुलंद हौसलों से किया है.
--प्रकाश हिन्दुस्तानी

(दैनिक हिन्दुस्तान 25 सितम्बर 2011 को प्रकाशित )

1 comment:

shripal singh panwar said...

हर सफल इंसान के पीछे उसके विचारो,लक्ष्य,सेवा का भाव होता हैं जिसके लिए वो अपना जीवन लगा ता हैं की वो अपने साथ साथ देश का नाम करे ............................................