Sunday, October 31, 2010


एंग्री यंग मैन ऑफ़ क्रिकेट

विराट कोहली को अब तक सभी एक बेहतरीन स्टेपनी के रूप में जानते थे. सचिन या युवराज की एक अच्छी स्टेपनी. जिस का खेलना इस बात पर निर्भर होता था कि टीम में कोई अनफिट तो नहीं है. लेकिन अब विराट कोहली ने अपने इस स्टेपनी वाले रोल को बदलकर रख दिया है. विराट कोहली ने हाल ही में आस्ट्रेलिया के खिलाफ १२१ गेंदों पर ११८ रनों का पहाड़ खड़ा करने के बाद 'ट्विट्टर' पर लिखा था--''ग्लेड विथ टीम्स विन,ग्रेट बेटिंग बाय युवी पाजी एंड सुरेश रैना. मेमोरेबल गेम फॉर मी.''
भारत की यह जीत ऐसी है, जिस के बारे में जब भी चर्चा होगी, विराट कोहली की चर्चा करना ज़रूरी होगा. विराट कोहली का क्रिकेट में आना और खेलना हमेशा संघर्षपूर्ण रहा है. क्रिकेट कि दुनिया में उन्होंने लगातार झटके खाए हैं. विराट अपने हौसलों से उन झटकों कोसे वे और मात देते रहे और आज वे ऐसे मुकाम पर हैं जहाँ से वे ज्यादा कद्दावर खिलाडी बनकर सामने आये हैं.
वह 2006 का दिसंबर था और दिल्ली के कोटला स्टेडियम में वे दिल्ली टीम की तरफ से रणजी ट्राफी के लिए कर्णाटक के खिलाफ खेल रहे थे. बुरी खबर थी कि उनके पिता प्रेम कोहली का 54 साल की उम्र में हार्ट अटैक आने से निधन हो गया था. ....सभी को लग रहा था कि आज शायद विराट की परीक्षा है, पूरी टीम शोक व्यक्त कर चुकी थी और यह जांबाज़ खिलाडी अड़ा था कि मैं बेटिंग करूंगा. विराट ने उस दिन बेटिंग की और 90 रन बनाकर दिल्ली कि टीम को जिताया.
विराट कोहली ने अंडर 17 , अंडर 19 और इमर्जिंग प्लेयर्स टूर्नामेंट्स में अपनी क्षमता का लोहा मनवाया है. अब वन डे मैचों में उन्हें अपनी योग्यता दिखाने का अवसर मिला है. अगर आंकड़ों की बात की जाए तो उनका प्रदर्शन हमेशा शेयर बाज़ार के ग्राफ जैसा रहा है --- अकसर ऊपर-नीचे होने वाला. जैसे शेयर बाज़ार अब जाकर बीस हजार के आसपास टिका है,कुछ वैसा ही हाल विराट कोहली का भी है. आईपीएल के फर्स्ट सीजन में वे फ्लाप रहे. तेरह इनिंग में 165 रन. सेकण्ड सीजन में ग्यारह इनिंग में केवल 215 रन. आइडिया कप वन डे में सचिन और सहवाग के चोटिल होने पर मौका मिला और ओपनिंग की तो केवल बारह रन पर आउट. सीरिज के दूसरे मैच में उन्होंने 37 रन बनाये और फिर चौथे मैच तक आते आते निर्णायक 54 रन बना लिए.यह वन डे मैचों में श्रीलंका के खिलाफ श्रीलंका में भारत की पहली जीत थी. ...लेकिन भाग्य की बात यह थी कि वे भारत में हो रहे वन डे में श्रीलंका के खिलाफ मैचों में चुने तो गए, पर खेल नहीं सके, क्योंकि सचिन और सहवाग फिट हो चुके थे.
विराट कोहली युवा खिलाडियों में अपनी ख़ास पहचान बना चुके हैं. उन्हें अभी मीलों का सफ़र तय करना है, उनमें अपार संभावना की बात कही जा रही है. कई लोग उन में सचिन की छवि देखते हैं. खेल के प्रति उनकी प्रतिबद्धता वास्तव में सराहना के काबिल है.
--प्रकाश हिन्दुस्तानी (दैनिक हिन्दुस्तान 24 अक्टोबर २०१० से)

4 comments:

नवीन said...

Nice Post

Patali-The-Village said...

सुंदर अभिव्यक्ति|

chandrakantchandresh said...

ati sundar

DIMPLE SHARMA said...

आप बहुत अच्छा लिख रहे है, ऐसे ही लिखते रहिये....शुभकामनाये

sparkindians@blogspot.com