वीकेंड पोस्ट के 21 दिसंबर 2013 के अंक में मेरा कॉलम
अब कोई ईमान की कसम नहीं खाता।
एक ज़माना था, जब लोग ईमानदारी कसम खाते थे।
--''सच कह रहा है क्या?''
--''हाँ, ईमान से'' या फिर ''हाँ, ईमान की कसम।''
लोगों को लगता था कि उनके पास ईमान है तो सब कुछ है. जिसका ईमान गया वह 'बे-ईमान' माना जाता था। बे-ईमान होना यानी घृणास्पद होना।
मैं कंफ्यूज़ हूँ। अब ईमानदारी की क्या परिभाषा है? और बेईमानी की ? सबकी अपनी अपनी परिभाषाएं हैं।मेरे एक मित्र की धारणा है कि जिसकी भावनाएं शुद्ध न हो वह बेईमान। कुछ लोग कहते हैं कि जो बेईमानी करते हुए नहीं पकड़ा जाए, वह ईमानदार ! कोई कहता है जो आटे में नमक बराबर बेईमानी करे वह ईमानदार ! कोई कहता है जिसकी बेईमानी से किसी को नुकसान न हो, वह ईमानदार। कोई कहता है जिसकी बेईमानी में उसका निजी लाभ न होता हो वह ईमानदार। कोई कहता है जो विशुद्ध ईमानदारी के साथ बेईमानी करे, वह ईमानदार। कोई कहता है जो वफादार हो, वह ईमानदार। कोई कहता है कि ईमानदार नज़र आये, वाही ईमानदार। कोई कहता है कि ईमानदार वह है जो खुद बेईमानी न करे, और न दूसरे को बेईमानी करने दे। कोई कहता है ईमानदार यानी हरिश्चंद्र ! युधिष्ठिर को भी कई लोग बेईमान मानते हैं क्योंकि उन्होंने आधा झूठ बोला था। कुछ लोग कहते हैं कि अरविंद केजरीवाल ईमानदार हैं, कोई मानता है कि अन्ना को ईमानदारी की मिसाल माना जा सकता है।
बहुत से लोग मानते हैं वफादार होना ईमानदार होना है। किसी की राय में सत्यनिष्ठ होना ईमानदार होना है। कोई कहता है कि चोरी-छल-कपट से दूर रहना ईमानदार होना है। किसी का कहना है कि जो भ्रष्ट आचरण से दूर हो, वह ईमानदार है। कई लोग कामचोरों को बेईमान मानते हैं क्योंकि 'कामचोर' में भी 'चोर' छुपा है। मैंने अपने जीवन में कई बेईमानों को देखा है जो कई ईमानदारों से बेहतर कहे जा सकते हैं। दूसरी तरफ ऐसे भी कई ईमानदार देखे हैं , जिनके सामने भ्रष्टतम व्यक्ति भी शरमा जाये। कुछ अफसर खुद बड़े ईमानदार होते हैं और अपने मातहतों को भी ईमानदार रहने के लिए मज़बूर कर देते हैं, जिन्हें कोई भी फूटी आँखों पसंद नहीं करता। कई अफसर ऐसे होते हैं जो खुद तो ईमानदार हैं लेकिन वे दूसरों को बेईमानी से नहीं रोकते। उनकी लोग बहुत इज़ज़त करते हैं, बेईमान भी और ईमानदार भी। बेईमान सोचते हैं कि खुद नहीं खाता तो क्या, दूसरों को 'तंग' तो नहीं करते। ईमानदार सोचते हैं कि बेचारा क्या करे, खुद तो भ्रष्ट नहीं है।
ईमानदारों को कितनी श्रेणियों में बांटा जा सकता है? 1. 'ईमानदार' ईमानदार -- जो खुद भी ईमानदार हो और किसी को बेईमानी न करने दे। ये लोग ईमानदारों को को संरक्षण भी देते हैं। 2 . ईमानदार बेईमान -- जो खुद भले ही बेईमान हो पर बेईमानी भी करे तो ईमानदारी से। (यानी बांटकर खाये). बेईमानों से वसूली करते हैं, ईमानदारों को बख्श देते हैं। 3. बेईमान ईमानदार -- जो खुद को ईमानदार दिखाता हो, पर मौका मिलते ही चौका मारने में बाज नहीं आता हो। ये न तो ईमानदारों के संरक्षक होते हैं, न बेईमानों के। 4 . 'बेईमान' बेईमान -- जो खुद भी बेईमानी करे और दूसरों की बेईमानी में से भी हिस्सा ले। 5 . 'परम बेईमान' बेईमान -- जो खुद बेईमान हो और बेईमानों से तो पैसा खाता ही हो, ईमानदारों से भी खाता हो।
अब ईमान की कसम कोई नहीं खाता!
--प्रकाश हिन्दुस्तानी
(वीकेंड पोस्ट के 21 दिसंबर 2013 के अंक में मेरा कॉलम)
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