Saturday, November 16, 2013

वीकेंड पोस्ट के 16  नवम्बर  2013 के अंक में  मेरा कॉलम



      चुनाव चिह्न   हैं  या गृहस्थी का सामान !

आनेवाले चुनाव में ऐसे-ऐसे  चुनाव चिह्न  दिए गए हैं कि उनसे पूरी गृहस्थी  ही बस जाए ! हाँ, बेचारे बीजेपी-कांग्रेस, सपा-बसपा वालों को ज़रूर दिक्कत होगी, जिन्हें केवल  कमल, हाथ के पंजे, साइकिल और हाथी से काम चलाना  होगा।  असली मज़े तो निर्दलीय उम्मीदवारों के हैं, जिनके पास गृहस्थी का सामान भी है और पिकनिक का भी। वे अपने चुनाव चिह्न  को लेकर रोज़गार-धंधा भी चला सकते हैं। उनकी यह शिकायत हो सकती है कि उनकी पसंद के  काफी  सामान (चुनाव चिन्ह) पर  क्षेत्रीय पार्टीवाले  कब्ज़ा कर चुके हैं, लेकिन उन्हें राहत मिलेगी कि 55  राष्ट्रीय और क्षेत्रीय  पार्टियों के अलावा  इस देश में 537 (जी हाँ, पांच सौ सैंतीस) ऐसी पार्टियाँ भी हैं जो चुनाव आयोग के पास रजिस्टर्ड हैं (यह टिप्पणी छपते-छपते यह संख्या घट-बढ़ सकती है) इन पार्टियों के चुनाव चिह्न  निर्दलियों लड़नेवालों को दे दिए जाते हैं। 


हमारे यहाँ इस बार क्या क्या चुनावचिह्न हैं, देखिये तो ; यहाँ ब्लैक बोर्ड है, ऑटो रिक्शा है, फूलों  की टोकरीहै, सिलाई मशीन है, टेलीफोन, किताब, अल्मारी, ए सी, गैस सिलेण्डर जैसी उपयोगी चीज़ें हैं तो खाने के  ,बच्चों के लिए क्रिकेट का बल्ला, गुब्बारा, पतंग, टोप , शटल, बेल्ट,टीवी, बल्लेबाज़ जैसे निशान  हैं।  शिव सेना ने तीर कमान ले लिया हो, तीर तो हमारे पास है ही। भाई लोगों के लिए नारियल है, रास्ता दिखने के लिए बैटरी टार्च है, और पीने वालों की सेवा के लि कांच का (खाली) गिलास भी है। 

भारत में एक पार्टी का नाम 'आम आदमी पार्टी' है लेकिन उसने आम के बजाय झाडू  को चुनाव चिह्न  के रूप में पसंद किया है।  जबकि आम  पुडुचेरी की क्षेत्रीय पीएमके -पट्टली मक्कल काट्ची पार्टी का चुनाव चिह्न  है।  आम के अलावा केला, संतरा और अनन्नास भी चुनाव चिह्न   हैं। गरीबों का घर झोपड़ी और अमीरों का घर यानी बंगला, हवाई जहाज, ट्रेक्टर,बस,बैलगाड़ी,   ढोलक, नगाड़ा,  शेर, बैल, मुर्गा, फसल काटती महिला, उगता सूरज, हैण्ड पम्प, दूरबीन, टोपी, प्लग, कलम-दवात, कंघा, तीर, दो पत्ते,चश्मा,  निसरनी-सीढ़ी,घड़ी, किताब,फूल की पंखुड़ी, स्टार, तलवार-ढाल, छतरी, लड़का-लड़की के साथ ही कुर्सी भी चुनाव चिह्न  के रूप में मौजूद हैं। कुर्सी की लड़ाई लड़नेवाले नेता और पार्टियां   चुनाव चिह्न  के रूप में कुर्सी को पसंद क्यों नहीं करतीं, यह विचार का प्रश्न है।   एक ही चुनाव चिह्न  कई   क्षेत्रीय पार्टियों को देने का रिवाज भी है। 

पुछल्ला : अगर नेताओं के कर्मों को देखते हुए चुनाव चिह्न  का निर्धारण करना हो तो कुछ और चुनाव चिह्न भी हो सकते हैं जैसे नोट काउंटिंग मशीन, कंडोम,कमोड,  गर्भ निरोधक गोली, पिस्टल, ब्रा-पेंटी,  खंजर, विग, बटुवा, तम्बाकू का गुटका आदि। 

--प्रकाश हिन्दुस्तानी 

( वीकेंड पोस्ट के 16  नवम्बर  2013 के अंक में  मेरा कॉलम )

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