Friday, February 18, 2011






नकद राग का बंदी ख़याल


''मैं तो केवल पांचवीं तक पढ़ा हूँ, मुझे भारतीय कानूनों का क्या पता?'' यह बात कही थी पाकिस्तानी गायक राहत फ़तेह अली खान ने दिल्ली एयरपोर्ट पर पकड़े जाने के बाद. जयपुर में एडमैन अजय चोपड़ा के बेटे विरल कि शादी में गाना बजाना करके वे दुबई होकर कराची जानेवाले विमान में जाने को थे कि वे गैरकानूनी रूप से 124000 डॉलर नकद और 18600 डॉलर के डीडी के साथ पकड़े गए थे. ज्यादा पूछताछ की गयी तो रोने लगे. उन्हें कोर्ट में पेश किया जाता इसके पहले ही पकिस्तान का विदेश मंत्रालय सक्रिय हो गया और उन्हें छोड़ दिया गया. इसी चक्कर में उनकी वीसा की मियाद बढ़ा दी गयी.

बेशक, राहत बहुत बड़े गायक हैं. एक परफार्मेंस का कम से कम 30 लाख लेते हैं, वह भी भारतीय रुपये, चेक या डीडी में नहीं, अमेरिकी डॉलर में. तीन दर्ज़न से ज्यादा बॉलीवुड फिल्मों में संगीत दे चुके हैं, हॉलीवुड में भी संगीत देते हैं. एडी वेद्डर (Eddie Veddar) के साथ हॉलीवुड की 'डेड मेन वाकिंग' में गा चुके हैं और पश्चिम के पॉप ग्रुप के साथ अनेक अलबम आ चुके हैं. भारत और ब्रिटेन में कई सम्मान पा चुके हैं और एशियाई संगीत के स्टार हैं. पकिस्तान में उनका 'धरती-धरती' और 'हम पकिस्तान' बच्चे बच्चे की जुबां पर है और हमारे संगीतप्रेमियों के हरदिल-अज़ीज़ हैं. उनकी कव्वाली, गज़लें, शास्त्रीय गायन और सूफी संगीत की तूती बोलती है. वे छोटे उस्ताद-टू और जुनून-कुछ कर दिखाना है नामक टीवी शो के जज भी रहे हैं, जिनका मेहनताना करोड़ों में था. उनकी हरकतों पर पकिस्तान के कानून मंत्री बाबर अवान ने कहा है कि जो लोग सीमा पर प्यार के नग्मे गाते हैं, उन्हें याद रखना चाहिए कि पकिस्तान का वजूद और गरिमा दो राष्ट्रों के सिद्धांत में ही है और मोहब्बत के तराने केवल मनोरंजन के लिए !

तेरे मस्त मस्त दो नैन(दबंग), जिया धड़क धड़क(कलयुग), नैना(ओंकारा), बोल ना हल्के हल्के(झूम बराबर), जग सूना सूना लागे(ओम शांति ओम), सजदा (माय नेम इज़ खान), ख़्वाब जो(लन्दन ड्रीम्स), मैं जहाँ रहूँ (नमस्ते लन्दन), सुरीली अंखियोंवाले (वीर), दिल ओ बच्चा है जी (इश्किया), आस पास खुदा (अंजाना अंजानी) जैसे अनेक गाने उन्होंने गाये हैं और इनमे से कई को अवार्ड मिल चुके हैं आजा नचले में गाये ओ रे पिया को तो मलयेशिया कि फ़िल्म में भी लिया गया था.

राहत का खानदान बीते 600 साल से संगीत सेवा में जुटा है. पकिस्तान के पंजाब में लायलपुर ( अब फैसलाबाद) में 1974 को जन्मे राहत के पिता फारुख अली हैं. और नुसरत अली उनके चाचा और गुरु दोनों ही थे. उनके दादा उस्ताद फ़तेह अली खान जाने माने ख़याल गायक थे (फ़तेह अली की अपने बड़े भाई अमानत अली के साथ मशहूर जोड़ी थी जो 1974 में अमानत अली के इंतकाल से टूट गयी) और परदादा अख्तर हुसैन खान भी. अख्तर हुसैन के पिता अलीबख्श जरनैल अविभाजित भारत में पटियाला घराने के गायक थे. छह साल की उम्र से राहत ने संगीत की तालीम लेना शुरू की थी और 11 साल की उम्र में उन्होंने पहला सोलो परफार्म किया था. ऐसे में राहत जैसे गायक के लिए कूटनीति तो बीच में आनी ही थी वरना उन्हें भी तिहाड़ में जग सूना सूना लागे जैसे गीत गाने पड़ते.
प्रकाश हिन्दुस्तानी

हिन्दुस्तान
20 फ़रवरी 2011

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