Friday, February 11, 2011





राजनीतिक मेगास्टार बनने की चाह में चिरंजीवी


वे शाहरुख़ की तरह मेहनताना लेते हैं, अमिताभ की तरह वक़्त के पाबन्द हैं, गोविंदा की तरह कॉमेडी करते हैं, रजनीकांत की तरह डांस और फाइट के सीन फिल्माते हैं, सलमान की तरह कसरत करते है, मल्लिका सहरावत की तरह फ़िल्मी नाम बदल चुके हैं, अदनान सामी की तरह वजन घटा चुके हैं, राखी सावंत की तरह लिपोसक्शन करा कर अपनी ठोडी सुन्दर बना चुके हैं, उनके बेटे, भाई, जीजा, भतीजे आदि सभी फिल्मों से जुड़े रहे हैं और अब ये सभी राजनीति के खिलाड़ी हैं. मुन्नाभाई एमबीबीएस के तेलुगु रीमेक शंकर दादा एमबीबीएस में वे ही हीरो थे. वे 149 फिल्मों में काम कर चुके हैं और अब 150 वीं की तैयारी कर रहे हैं, जो पानी के संकट को लेकर होगी. ये हैं तेलुगु फिल्मों के मेगास्टार चिरंजीवी. लोग कहते हैं कि उनकी 150 वीं फ़िल्म तो प्रजाराज्यम पार्टी ही है, जिसका प्रीमियर तिरुपति सम्मलेन के रूप में था और अब काँग्रेस में विलय के बाद वे ठुमके लगाने का काम आँध्रप्रदेश के काँग्रेस और तेलुगु देशम पार्टी नेताओं से कराएँगे.

यदि एन टी रामाराव, लालू यादव, शरद पवार, प्रमोद महाजन और जयललिता की राजनीति का कॉकटेल बनाया जाये तो उसका नाम चिरंजीवी रखा जा सकता है. वे सिद्धांतों की बातें और जाति की राजनीति करना चाहते हैं. गरीबों का नारा और कुटुंब का गणित. लक्ष्य है सत्ता और किताब में उसूल. बेमिसाल लोकप्रियता का दावा करनेवाले चिरंजीवी 2009 में दो जगहों से विधानसभा चुनाव लड़े और गृह नगर पलाकोल्लू में हारकर तिरुपति से जीते. कान्ग्रेस में विलय की बात पर उन्होंने दावा किया था कि मैं कभी भी इस बारे में सोच भी नहीं सकता. लोकसभा चुनाव के बाद उन्होंने शरद पवार को प्रधानमंत्री बनने के मुद्दे पर समर्थन की बात कही थी और बाद में मनमोहन की प्रशंसा में जुट गए. आन्ध्र से काटकर अलग तेलंगाना राज्य की मांग का वे समर्थन कर रहे थे, फिर कहने लगे कि विघटन से राज्य का विकास थम जायेगा. वे कहते हैं कि मैं मदर टेरेसा और एपीजे कलाम की प्रेरणा से राजनीति में आया, लेकिन मौका मिला तो अमरसिंह से गलबहियां करने में भी नहीं हिचकिचाए. वे खुद हैदराबाद के पॉश जुबली हिल्स इलाके में रहते हैं और दफ्तर खोला है खादी कोलोनी में. चिरंजीवी ने लेखक-कार्यकर्त्ता पदम् राव के ना चाहने पर भी उनकी बेटी के अंतरजातीय विवाह में जाकर आशीर्वाद दिया था, लेकिन जन उनकी अपनी बेटी श्रीजा ने अपने प्रेमी शिरीष से आर्य समाज मंदिर में विवाह किया तब चिरंजीवी के घर का कोई भी सदस्य वहां नहीं गया. कई दिनों तक नवयुगल को कोर्ट की शरण में रहना पड़ा था.

चिरंजीवी को तेलुगु फिल्मों में मेगास्टार के नाम से पहचाना जाता है, और अब वे राजनीति के मेगास्टार बनना चाहते हैं. फिल्मों की चकाचौंध से ऊब चुके चिरंजीवी को राजनीति जलवा देखना है. 2009 के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को 294 में से 18 सीटें ही मिली थीं, जबकि वे त्रिशंकु विधानसभा की आस में निर्णायक भूमिका के इंतज़ार में थे. लोकसभा में भी उनकी पार्टी के चार सदस्य ही जा सके हैं. अब उन्हें लगता है कि खम्मम, रेड्डी और ब्राह्मणों के प्रभाववाले आन्ध्र प्रदेश में उनकी काप्पू जाति का भी बोलबाल हो सकता है क्योंकि उत्तर और पूर्वी गोदावरी,श्रीकाकुलम, विशाखापतनम, विजयनगरम आदि जोलों में काप्पू जाति के लोग बड़ी संख्या में हैं.

चिरंजीवी ने 8 हिंदी फिल्मों में भी काम किया है. जूही चावला के साथ 'प्रतिबन्ध', श्रीदेवी के साथ 'मैं हूँ रखवाला' और 'जुल्म की जंजीर', के अलावा इन्द्र दी टाइगर, जेंटलमैन, दुश्मनों का दुश्मन, कानून और सजा में वे हीरो थे. 1955 में जन्में चिरंजीवी ने 1977 से फिल्मों में काम शुरू किया और शुरुआती 60 फिल्मों में उन्हें छोटे-मोटे रोल में ही संतोष करना पड़ा. वे अनेक फिल्मफेयर सम्मान और पद्मभूषण से सम्मानित हो चुके है. केनिदेला शिव शंकर उनका असली नाम है और उनका दावा है कि एक रात सपने में उन्हें हनुमानजी ने दर्शन दिए और चिरंजीवी नाम से संबोधित किया. अपनी माँ के कहने पर उन्होंने चिरंजीवी नाम से काम शुरू किया और तभी से लोग उन्हें चिरंजीवी के रूप में जानते हैं.
प्रकाश हिन्दुस्तानी

हिन्दुस्तान
13 फ़रवरी 2011

3 comments:

Anonymous said...

bhaut hi sundar lekhe .

shripal singh panwar said...

bhadhaiya

dr amit jain said...

बावली पूछ है ये