Monday, August 10, 2015

राजदूत की तरह सिंहस्थ दूत भी होंगे दुनियाभर में



सिंहस्थ 2016 की वैश्विक ब्रांडिंग की जा रही है। सिंहस्थ में पूरी दुनिया के लोग आएंगे और उन्हें आने में कोई परेशानी न हो, इसलिए उन्हें हर तरह की जानकारी और सुविधाएं मुहैया कराने के इरादे से दुनिया के सभी देशों में सिंहस्थ दूत तैनात रहेंगे। ये दूत सिंहस्थ के प्रतिनिधि होंगे। राजदूत की तरह इन्हें सुविधाएं और अधिकार तो नहीं होंगे, लेकिन यह भारत और सिंहस्थ के प्रतिनिधि अवश्य होंगे। ये सिंहस्थ दूत अनिवासी भारतीय होंगे और जिन देशों में योग्य स्थानीय निवासी मिलेंगे, उन्हें भी सिंहस्थ का दूत बनाया जा सकेगा। सिंहस्थ के अवसर पर शासन को यह लगता है कि इन दूतों की नियुक्ति से विदेशी नागरिकों को सिंहस्थ संबंधी जानकारियां पाने में कोई कष्ट नहीं होगा। 

सिंहस्थ में करीब पांच करोड़ लोगों के आने की संभावना है, जिनमें से बड़ी संख्या मे अनिवासी भारतीय और विदेशी भी होंगे। अनिवासी भारतीयों के लिए सिंहस्थ में आना आसान माना जा सकता है,क्योंकि भारत में उनकी जड़ें होती है और उनमें से अधिकतर को भाषा संबंधी कोई दिक्कत नहीं होती, लेकिन विदेशी श्रद्धालुओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए सिंहस्थ के मौके पर दुभाषियों की नियुक्तियां भी की जा रही है। ये दुभाषियें अंग्रेजी के साथ ही फ्रेंच, जापानी, चीनी, स्पेनिश, रशियन, अरबी, फारसी, सिहली आदि भाषाओं के भी जानकार होंगे। इनकी मदद से विदेशी श्रद्धालु सिंहस्थ की भावना को ज्यादा अच्छी तरह समझने में सक्षम होंगे। 

सिंहस्थ के पहले ही उज्जैन में कई 3, 4 और 5 स्टार होटल शुरू किए जा रहे है। ये होटल पर्यावरण के मामले में सकारात्मक होंगे। कोशिश है कि इन होटलों में एनवायरमेंट फ्रेंडली व्यवस्था हो। जैविक खेती से तैयार भोजन अतिथियों को उपलब्ध रहेगा और साफ-सफाई में पर्यावरण हितैषी उत्पादों का प्रयोग किया जाएगा। स्नान घाट और महाकाल मंदिर क्षेत्र मेंं 3 सितारा होटल बन रहे है। यंत्र महल के पास भी दो 3 स्टार होटल का निर्माण चल रहा है। तीन-चार महीनों में यह होटल कारोबार करने लगेंगे और दिसंबर से इन होटलों की बुकिंग भी शुरू हो जाएगी। त्रिवेणी पर शनि मंदिर के पास एक रिसोर्ट का निर्माण भी चल रहा है और महाकाल मंदिर के आसपास दर्जनों मकान, होटल और लॉज का निर्माण किया जा रहा है, ताकि श्रद्धालु कम खर्चे में वहां रुक सके।

सिंहस्थ को देखते हुए निकटस्थ विमान स्थल इंदौर के अहिल्याबाई होल्कर एयरपोर्ट पर विशेष उड़ानों की रुपरेखा भी बनाई जा रही है। कई अतिथि निजी या चार्टर विमानों से आएंगे। उनके विमानों को पार्वâ करने की व्यवस्था भी की जा रही है। 

भारतीय रेल भी सिंहस्थ के श्रद्धालुओं को उज्जैन तक लाने ले जाने के लिए विशेष ट्रेन चलाने वाला है। इन ट्रेनों में सामान्य श्रेणी के डिब्बों के अलावा वातानुकूलित चेयरकार और एसी स्लीपर कोच भी होंगे। करीब 125 विशेष ट्रेन चलाने की योजना हैं, जिसकी कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है। रेल मंत्रालय ने तय किया है कि सिंहस्थ के लिए एडीआरएम (एडिशनल डिविजनल रेलवे मैनेजर) स्तर के एक अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी। अब तक सिंहस्थ के अवसर पर सीनियर डीसीएम (डिविजनल कमर्शियल मैनेजर) स्तर का अधिकारी नियुक्त होता रहा है, लेकिन इस बार एडीआरएम स्तर पर नियुक्ति का निर्णय किया गया है, ताकि वह अपने विशेष अतिरिक्त अधिकारों का त्वरित उपयोग कर निर्णय ले सके। रेलवे स्टेशन पर ही सिंहस्थ के यात्रियों के लिए अलग से अतिरिक्त कार्यालय भी खोले जाएंगे, जिनमें यात्रियों को अलग-अलग तरह की सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने की कोशिश रहेगी।
--प्रकाश हिन्दुस्तानी

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