Friday, September 03, 2010


मीडिया में भी 'आइटम'

-- प्रकाश हिन्दुस्तानी --
जकल मीडिया में भी 'आइटम' का चलन हो गया है ! आप के आस पास भी पत्रकार कम और 'आइटम' ज़्यादा होंगे। ज़रा गौर से देखें और अगर ना पहचान सकें तो ये रही उनकी पहचान :



--फिल्मों में 'आइटम' इसलिए डाले जाते हैं कि जनता फिल्म देखने आए. मीडिया में 'आइटम' इसलिए डाले जाते हैं कि एड. की भरमार हो सके.


--फिल्मों में 'आइटम' आम तौर पर नवागत नई-नई हीरोइनें करती हैं. मीडिया में 'आइटम' नये नये पत्रकार करते हैं, ज़रूरी नहीं की वह स्त्री ही हो, क्योंकि वहाँ सभी तरह के लोग 'आइटम' के लिए मौजूद हैं


--फिल्मों में 'आइटम' में जनता सिक्के उछालती है, मीडिया में 'आइटम' देख एड. देनेवाला गड्डियाँ उछालता है।
--फिल्मों में 'आइटम' से प्रोड्यूसर मालामाल होता है, मीडिया में 'आइटम' मीडिया का मालिक !

--फिल्मों में 'आइटम' एक या दो ही हो सकते हैं. मीडिया में 'आइटम' की ज़रूरत शाश्वत हो चली है. पूरा शो ही 'आइटम' होता है.

--फिल्मों में 'आइटम' करनेवाले 'भी' ठीकठाक कमा लेते हैं, मीडिया में 'आइटम' करनेवाले 'ही' ठीकठाक कमा पाते हैं.

--हरेक फिल्म में 'आइटम' करनेवाले नहीं होते / होतीं, जबकि हर मीडिया में 'आइटम' करनेवाले होने लगे हैं........
और अंत मे : --- फिल्मों के 'आइटम' में हीरोइन को कपड़े उतारने पड़ते हैं, मीडिया में 'आइटम' में कपड़े नहीं, चरित्र उतारना पड़ता है. फिल्मी 'आइटम' में चरित्र उतरने की मज़बूरी नहीं होती.
---प्रकाश हिन्दुस्तानी



3सितम्बर 2010
(copyright : prakashhindustani@gmail।com)


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